
पटना, १8 मार्च ।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन के बदले नौकरी के मामले में 19 मार्च को पूछताछ के लिए तलब किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दी है। इसी मामले में उनके परिवार के कुछ सदस्यों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
सूत्रों ने बताया कि उनके बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए जाने हैं। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के एजेंसी के सामने पेश होने की उम्मीद नहीं है। पिछले साल, ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था।बता दें कि इससे पहले 11 मार्च तेज प्रताप और हेमा यादव को भी तलब किया था। जिसमें तेज प्रताप यादव और हेमा यादव को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई थी। अब अचानक लालू यादव को पूछताछ के लिए बुलाने से आरजेडी की टेंशन बढ़ गई है।बता दें कि जमीन बदले नौकरी के मामले में सीबीआई ने लालू समेत 78 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में काम करते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन और संपत्ति लिखवाई थी। इस चार्जशीट में घोटाले के जोन के बारे में भी जानकारी दी गई थी। इनमें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर समेत कई रेलवे जोन शामिल थे।
इस मामले में लालू परिवार के 5 सदस्यों को आरोपी बनाया गया जिनमें लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती शामिल हैं। इससे पहले 30 जनवरी 2025 को अदालत ने सीबीआई को एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और उस समय रेलवे बोर्ड से सदस्य आरके महाजन सहित दो अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी।