
कोरबा। कटघोरा वनमंडल में हाथियों का उत्पात और भी बढ़ता जा रहा है। यहां के पसान रेंज अंतर्गत जल्के सर्किल के सेमरहा बीट में पहुंचे 42 हाथियों के दल ने बीती रात गाड़ागोड़ा गांव में भारी उत्पात मचाते हुए बड़ी मात्रा में ग्रामीणों की धान की फसल को रौंद दिया जिससे ग्रामीणों गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन एवं वन विभाग से अपने फसल तथा जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई गई है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का दल बार-बार क्षेत्र में दस्तक दे रहा है और फसलों को उत्पात मचाने के साथ मटियामेट भी कर दे रहा है जिससे वे काफी परेशान हैं। हाथियों के उत्पात के चलते उनकी मेहनतों पर पानी फिर जा रहा है जिससे श्रम के साथ-साथ आर्थिक क्षति भी हो रही है। ज्ञात रहे कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज से 42 हाथियों का दल एक दिन पूर्व जल्के सर्किल पहुंचा है। पहले दिन हाथियों का दल सर्किल के हरदेवा गांव में डेरा डाला लेकिन कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया। अगले दिन शाम होते ही मूव्हमेंट किया और गाड़ागोड़ा में उत्पात मचाते हुए बड़ी मात्रा में ग्रामीणों की फसल को रौंद दिया जिससे यहां के 17 ग्रामीण प्रभावित हुए हैं। जिन्हें हजारों रुपए की क्षति सहनी पड़ी है। पीडि़त ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आज सुबह मौके पर पहुंचे और हाथियों द्वारा रात में किए गए नुकसानी का आंकलन करने के साथ रिपोर्ट तैयार की जिसे क्षतिपूर्ति स्वीकृति के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा। मुआवजा स्वीकृति के बाद पीडि़तों को वन विभाग की ओर से राहत राशि दी जाएगी। गाड़ागोड़ा में बड़ी मात्रा में फसल रौंदने के बाद हाथियों का दल सेमरहा व गाड़ागोड़ा गांव के बीच स्थित जंगल में विश्राम करने लगा है। आज सुबह हाथियों के दल को यहां पर देखा गया। वन विभाग द्वारा गाड़ागोड़ा, सेमरहा व आसपास के गांव में मुनादी कराई जा रही है। ज्ञात रहे हाथियों ने कटघोरा वनमंडल को अपना स्थाई बसेरा बना लिया है। हाथियों का दल कभी यहां के केंदई रेंज में विचरण करता है तो कभी पसान रेंज में। बीच-बीच में एतमानगर व जटगा भी पहुंच जाता है।


















