जिला शिक्षा अधिकारी की उदासीनता से कर्मचारियों का जान खतरे में
जांजगीर-चांपा। डीईओ आफिस के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम करने मजबूर है। अंग्रेज जमाने के इस भवन की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। सबसे खराब स्थिति शुरुआत के कमरों की है। जिसमें पहले समग्र शिक्षा का अस्थायी कार्यालय संचालित होता था। जर्जर भवन की वजह से बीते दिनों में यह कार्यालय यहां से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके बाद भी इसी जर्जर भवन में शिकायत शाखा सहित अन्य शाखाएं संचालित किया जा रहा है। लेकिन यहां के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम करने मजबूर हैं। गौरतलब है कि डीईओ कार्यालय को बने 70 से 80 साल से ज्यादा अवधि बीत चुका है। इस भवन में पहले कलेक्ट्रेट कार्यालय
संचालित होता था। इसके बाद 2008-09 से कलेक्ट्रेट कार्यालय नए भवन में शिफ्ट हो गया। इस भवन में डीईओ कार्यालय, आबकारी कार्यालय, आदिम जाति कल्याण विभाग सहित अन्य कार्यालय
संचालित किया जा रहा है। आज से ठीक दो साल पहले समग्र शिक्षा कार्यालय का इसी जर्जर भवन में संचालित हो रहा था। जो तेज आंधी तूफान की वजह से छत भर-भराकर गिर गया था। लेकिन अब भी इसी भवन में कार्यालय संचालित हो रहा है। यहां बड़ी बात यह है कि डीईओ आफिस में मिसलेनियस फंड में लाखों रुपए जमा है जिसका डीईओ इस्तेमाल करना नहीं चाह रहे हैं। जिसका खामियाजा यहां के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। इस कमरे में काम करने वाले क्लर्क ने बताया कि न जाने इस भवन का छज्जा कब भर-भराकर गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। फंड होने के बाद भी डीईओ केवल मरम्मत करनें का आश्वासन दे हैं।