कोरबा। तीन बार तैयारी होकर रद्द किए गए पं. प्रदीप मिश्रा के शिव महापुराण कथा के आयोजन को आपात स्थिति में पब्लिक प्लेस के बजाय कुदुरमाल के रिसॉर्ट में करना पड़ा। सीमित क्षमता के बजाय अधिक संख्या में लोगों के पहुंचने के चलते वीवीआईपी पास नमूना बनकर रह गया। लोगों की भीतर एंट्री नहीं हो सकी। नाराजगी दिखाते हुए उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। इस दौरान धक्कामुक्की की स्थिति भी निर्मित हो रही है।
सावन के महीने में शिव महापुराण कथा का आयोजन करने को लेकर खबर मिली कि लंबे समय से इसकी तैयारी चल रही थी। आयोजक संस्था महाकाल भक्त मंडल ने इस बारे में अधिकारियों से को-आर्डिनेशन बनाने के साथ सहयोग मांगा। इसके बाद भी एक के बाद एक तीन जगह आयोजन की तैयारियों को ओके नहीं किया गया। ऐसे में आयोजकों को आर्थिक चपत लगी। यहां-वहां से सहयोग लेने और प्रचार करने के कारण उसे आनन-फानन में छोटे स्वरूप में शिव कथा करानी पड़ी। खबर के अनुसार आयोजन करने वालों ने यजमानों के अलावा काफी संख्या में लोगों को वीवीआईपी पास जारी किए हैं। इसमें हो ये रहा है कि भीतर बैठने की क्षमता के मुकाबले पास के अनुपात लोगों की संख्या ज्यादा हो रही है। पास लेकर कथा शुरू होने से दो-ढाई घंटे पहले पहुंचने वालों को भीतर जाने की अनुमति नहीं मिल रही है। जगह फुल होने का हवाला देकर आज भी बहुत सारे लोगों का चलता कर दिया गया। ऐसे लोग मायूस होकर यहां से लौटे। बताया गया कि मौके पर सुरक्षा के लिए जिन पुलिस अधिकारी व कर्मियों ड्यूटी लगाई गई है वे भी अपने हिसाब से अपने परिचितों को भीतर जाने देने के मामले में ज्यादा रूचि ले रहे हैं। यही हाल आयोजन समिति से जुड़े कार्यकर्ता और वालेंटियर का भी है। इनके चक्कर में पास का प्रबंध करने वाले और दैनिक शेड्यूल को बदलकर कुदुरमाल पहुंचने वाले लोग हाथ मलने को मजबूर हैं। बताया गया कि एक तो मौके पर बरसाती पानी की उपस्थिति से लोगों को परेशान है और दूसरी बात यह है कि गेट के आसपास भारी भीड़ की वजह से धक्कामुक्की के हालात से भी लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि अव्यवस्था को लेकर भी इस आयोजन को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।