
कोरबा । छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों को जहां से बिजली मिलती है, उसी जिले में एक ऐसा समुदाय है जो आज भी बिजली, सडक़ और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यह हकीकत सामने आई जब विशेष पिछड़ी जनजाति के अंतर्गत आने वाले पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोग जनदर्शन कार्यक्रम में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे।
ये सभी ग्रामीण जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम पंचायत केराकछार के अंतर्गत खुरिभौना ग्राम से आए थे। उनका कहना है कि आज तक उनके मोहल्ले में बिजली का खंभा तक नहीं पहुंचा है। पीने के पानी के लिए वे लोग नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। सडक़ की हालत ऐसी है कि बारिश के समय गाँव पूरी तरह से अलग-थलग पड़ जाता है। ग्रामीणों ने जनदर्शन में अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उन्हें अब तक किसी भी सरकारी योजना का समुचित लाभ नहीं मिला है। सरकारी रिकॉर्ड में योजनाएं पहुंच चुकी हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आज भी पहाड़ी कोरवा समुदाय बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। कोरबा जैसे जिले में, जहां बिजली उत्पादन की भरमार है, वहाँ के ही मूल निवासियों को बिजली न मिलना प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। यह मामला सिर्फ एक ग्राम का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के कई आदिवासी इलाकों की वास्तविक तस्वीर पेश करता है, जो सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति पर सवाल खड़ा करता है।ग्रामीणों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उनके ग्राम में जल्द से जल्द बिजली, सडक़ और स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उनका कहना है कि विकास की बातें तभी सार्थक होंगी जब अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचे।