उदयपुर, ३० जुलाई ।
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी पर अचानक छापा मारकर वहां चल रहे बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स की हकीकत उजागर की। मंत्री ने इस पूरी व्यवस्था को फर्जी डिग्री स्कैम करार देते हुए कहा कि यह संस्थान नकली खाद-बीज की फैक्ट्रियां तैयार करने वाला अड्डा बन गया है।
मंत्री मीणा को शिकायत मिली थी कि यूनिवर्सिटी में केवल दो घंटे की पढ़ाई कर छात्रों को फर्स्ट डिवीजन में पास कर फर्जी डिग्री दी जा रही है। निरीक्षण के दौरान उन्हें कई ऐसे छात्र मिले जिन्होंने छ्वश्वञ्ज परीक्षा नहीं दी थी, जबकि बीएससी एग्रीकल्चर के लिए यह अनिवार्य है। मंत्री ने बताया कि कई छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं मौके पर ही जांची गईं और बिना सही उत्तर के उन्हें पास कर दिया गया। मंत्री ने विश्वविद्यालय की मान्यता, फैकल्टी की योग्यता और लैब व फार्म जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान ने ढ्ढष्ट्रक्र से अब तक मान्यता नहीं ली, जबकि 2022 में इसका वादा किया गया था। एग्रीकल्चर से जुड़े विषयों में आवश्यक प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति भी नहीं की गईं। फार्म हाउस परिसर के बाहर दर्शाए गए हैं और ट्रैक्टर लीज पर बताए गए हैं। मंत्री ने बताया कि कुछ फैकल्टी सदस्यों की डिग्रियां संदिग्ध हैं—
जैसे डॉ. मनोहर लाल को डिग्री मिलने से पहले पढ़ाना शुरू किया गया, निकिता जैन की नियुक्ति और डिग्री में गड़बड़ी, और अन्य कई शिक्षकों की पीएचडी डिग्रियों में हस्ताक्षर व जानकारी में विसंगतियां पाई गईं। मंत्री मीणा ने बताया कि यह एक गंभीर घोटाला है जिससे युवाओं और किसानों दोनों का भविष्य खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज की जाएगी और एसओजी से भी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने चेताया कि इस प्रकार की फर्जी यूनिवर्सिटियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।