2025 की विदाई करीब, पुलिस का फोकस पेंडेंसी पर

कोरबा। अंग्रेजी कैलेंडर वर्ष 2025 की विदाई को 16 दिन बाकी रह गए। इस बात को ध्यान में रखते हुए कोरबा जिले में विभिन्न स्थानों और चौकी की पुलिस पेंडेंसी को शार्ट आउट करने में लगी है। लंबे समय से फरार चल रहे बदमाशों की गिरफ्तारी के साथ ही लंबित मामलों में चालान पुट अप किए जा रहे हैं।
पुलिस के लिए दिसंबर का महीना एक तरह से पुराने मामलों के हर हाल में निराकरण करने का माना गया है। सच यही होती है कि अपराध को नियंत्रित किया जाए और कम से काम अंतिम दौर में अपराधिक मामले ना हो तो बेहतर। ठंड के सीजन में दूसरे महीना की अपेक्षाकृत चुनौतियां ज्यादा होती हैं और काम के घंटे काम। मौसम के असर से दिन की अवधि कम होने की वजह से कामकाज के संपादन में मुश्किल तो होती है, काफी समय से प्रक्रियाधीन मामलों को लेकर भी पुलिस की चिंता रहती है कि किस तरह से निरस्कृत किया जाए। पिछले दिनों वरिष्ठ अधिकारी द्वारा ली गई क्राइम मीटिंग में पिछले अपराधों के बारे में फीडबैक लिया गया और इन मामलों में हुई प्रगति को भी जाना गया। क्राइम मीटिंग में निर्देश दिए गए थे कि सभी थाना और चौकी प्रभारी अपने-अपने स्तर पर लंबित मामलों को हल करें। अधिकतम मामले हाल हो जाते हैं तो अच्छी बात और अन्य स्थिति में प्रकरणों में परिणाम न मिलने पर इन्हें कोर्ट में पेश किया जाए। कोरबा जिले में कोतवाली, कटघोरा, बालको नगर , कुसमुंडा, दीपिका, सिविल लाइन , पाली, बांकीमोंगरा , उरगा जैसे बड़े थाने हैं। वही शहर और आसपास में स्थित पुलिस चौकी भी अपराधों की संख्या के मामले में काफी आगे हैं। इन सभी स्थानों की पुलिस पिछले कुछ दिनों से प्रकरणों को शार्ट आउट करने में लगी हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसा करना हमारे लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि दिसंबर में हम डिपेंडेंसी के स्तर को जितना काम करेंगे, आने वाले वर्ष यानी 2026 में हमारे सामने चुनौतियां उतनी ही कम होगी।

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