
सीपत। ग्राम गुड़ी देउरपारा में शुक्रवार का दिन किसान अश्वनी साहू के लिए किसी भयावह हादसे से कम नहीं रहा। दोपहर लगभग 1:30 बजे विद्युत विभाग की 11 केवी हाईटेंशन लाइन में शार्ट सर्किट हुआ, जिससे उठा चिंगारी का गुबार सीधे किसान के कोठार पर जा गिरा। वहां रखी साढ़े चार एकड़ की तुलसी मंजरी किस्म की धान देखते ही देखते आग की लपटों में घिर गई। कुछ ही मिनटों में मेहनत की पूरी फसल जलकर राख हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ऊपर से जोरदार चिंगारी निकलकर कोठार पर गिरी, जिसमें सूखी धान होने के कारण आग तेजी से फैली। ग्रामीणों ने बोर और मिट्टी से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन भीषण लपटों के सामने सभी प्रयास नाकाम साबित हुए। सूचना मिलने पर एनटीपीसी की दमकल टीम मौके पर पहुंची, तब तक पूरी धान जल चुकी थी।
किसान अश्वनी साहू ने बताया कि इस तुलसी मंजरी धान की बाजार में अनुमानित कीमत करीब साढ़े तीन लाख रुपए है। उन्होंने आरोप लगाया कि इलाके में लगे बिजली के तार काफी समय से जर्जर हैं। कई बार विभाग को शिकायत की गई थी, लेकिन मरम्मत नहीं की गई। “विभाग की घोर लापरवाही का खामियाजा आज मेरी सालभर की फसल को जलकर भुगतना पड़ा,” पीड़ित किसान ने कहा। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। आग की भयावहता देखकर गांव में दहशत का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र में इससे पहले भी हाईटेंशन लाइन से चिंगारी गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन विभाग ने कभी स्थायी समाधान नहीं किया। ग्रामीणों के अनुसार, यदि समय पर तारों की मरम्मत की गई होती तो यह नुकसान टाला जा सकता था। पीड़ित किसान की यह फसल पूरी साल की जीविका का मुख्य साधन थी, जो अब पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। परिवार गहरे आर्थिक संकट में पहुंच गया है। अश्वनी साहू ने प्रशासन और विद्युत विभाग से तत्काल मुआवजा और क्षतिपूर्ति की मांग की है। उनका कहना है कि फसल की पूरी हानि का उचित मूल्यांकन कर उन्हें राहत राशि दी जानी चाहिए। घटना की सूचना के बाद प्रशासन और बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। विभाग द्वारा प्राथमिक जांच की बात कही जा रही है, लेकिन ग्रामीणों और किसान का कहना है कि केवल जांच से राहत नहीं मिलेगी। क्षेत्र में लगे सभी जर्जर तारों को तुरंत बदला जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। फिलहाल किसान और ग्रामीणों की नजरें प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं। किसान समुदाय का कहना है कि यदि इस मामले में कड़ी कार्रवाई और उचित मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे। गांव में इस घटना को लेकर गुस्सा और आक्रोश साफ देखने को मिल रहा है।



















