सक्ती। कार्तिक कृष्ण मास की चतुर्थी तिथि पर आज 10 अक्टूबर को सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला करवा चौथ का व्रत रखा है। करवा चौथ व्रत की पूजा के लिए घरों घर जोर शोर से तैयारियां पूर्व में कर ली गई थी, वहीं बाजार में भी काफी रौनक देखी गई। सोलह श्रृंगार कर पति के चेहरे को छन्नी में देखने के लिए महिलाएं चंद्रोदय का इंतजार करेंगी। आसमान पर चांद निकलने के बाद सुहागिने छन्नी से चंद्र देव की पूजा अर्चना कर अपना व्रत तोड़ती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले महिलाओं द्वारा सरगी ग्रहण किया जाता है। उसके बाद निर्जला व्रत शुरू होगा। करवा चौथ की पूजा शाम को होगी। पूजा के दौरान साहूकार की बेटी करवा और उसके सात भाईयों की कहानी सुनने का रिवाज है। यह अति महत्वपूर्ण है।