नईदिल्ली, २५ अप्रैल ।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी में 95 अपराधी गैंग की मौजूदगी की जानकारी दिए जाने पर कहा कि अपराधियों से जुड़े मामलों से तेजी से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की सख्त जरूरत है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि खूंखार अपराधी न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं और लंबी सुनवाई के आधार पर जमानत पाने के लिए मुकदमे में देरी का फायदा उठा रहे हैं। पीठ ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसडी संजय से कहा, अगर आप मुकदमे को लंबित रखेंगे, उन्हें जमानत मिल जाएगी। इस देश में जहां गवाहों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है, आप अच्छी तरह जानते हैं कि उन गवाहों के साथ क्या होने जा रहा है। दिल्ली में 95 अपराधी गुटों के काम करने की जानकारी दिए जाने पर पीठ ने अखबार की एक रिपोर्ट के बारे में बताया, एक अल्पसंख्यक समुदाय की लडक़ी की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई और इसे प्रेम प्रसंग का मामले बताया गया। अंतत: पता चला कि वह लडक़ी एक हत्याकांड में गवाह थी। यह अदालत के सामने बयान देने से रोकने के लिए एक सोची-समझी हत्या थी। और ये सब इसलिए क्योंकि वह दबाव में नहीं आ रही थी। यहां पर माफिया इस तरह काम करते हैं।
संजय द्वारा एक गैंग्सटर महेश खत्री और उर्फ भोली से जुड़े अलग-अलग अदालतों के मुकदमों को हाई कोर्ट में चलाने से संबंधित चर्चा की जानकारी दिए जाने पर पीठ ने कहा कि पहले वह उन लोगों की पहचान करें जिनके खिलाफ तेजी से मुकदमे चलाने हैं। यह बदमाश दिल्ली में ही नहीं एनसीआर में सक्रिय हैं और उनके खिलाफ अन्य जगहों पर भी मुकदमे हैं। पूरी तरह संगठित अपराध चल रहा है।इस पर पीठ ने कहा कि फरवरी और मार्च 2025 के आदेशों को लेकर एक प्रस्ताव बनाया गया था, जिस पर संबंधित उच्चाधिकारी सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं।
इसके बाद पीठ ने गैंग्सटरों से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित करने के लिए एक असरदार प्रस्ताव बनाकर देने के लिए तीन सप्ताह का वक्त दिया और अगली सुनवाई 24 जुलाई को रखी।