
नई दिल्ली। पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की एक नवीनतम रिपोर्ट में मनी लांड्रिंग समेत विभिन्न वित्तीय अपराधों के माध्यम से धोखाधड़ी करके हासिल की गई सार्वजनिक संपत्तियों की वसूली में भारत के कानूनी प्रयासों और ईडी कार्रवाइयों की सराहना की गई है।
असेट रिकवरी गाइडेंस ऐंड बेस्ट प्रैक्टिसेज’ शीर्षक वाली 340 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में विभिन्न परिस्थितियों के तहत करोड़ों रुपये की संपत्ति की जब्ती और घोटाले व धोखाधड़ी करने के बाद देश से भागे भगोड़ों से निपटने के लिए अपनाए गए देश के मनी लांड्रिंग-रोधी तंत्र का हवाला दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि एफएटीएफ मनी लांड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण अपराधों से निपटने के लिए वैश्विक मानक निर्धारित करता है।
बहरहाल, ईडी ने एक बयान में कहा, ”एफएटीएफ की यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं और कार्यपालकों के लिए आपराधिक गतिविधियों से उत्पन्न संपत्तियों की पहचान करने, उनका पता लगाने, उन्हें फ्रीज करने, प्रबंधित करने, जब्त करने और वापस करने के व्यावहारिक उपायों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट में वित्तीय अपराधों में धोखाधड़ी से हासिल संपत्तियों को जब्त करने के लिए ईडी द्वारा की गई मनी लांड्रिंग से जुड़ी जांचों पर प्रकाश डाला गया है। हालांकि, इसमें शामिल पक्षों की पहचान नहीं की गई है। रिपोर्ट में कथित रोज वैली पोंजी धोखाधड़ी के पीडि़तों की संपत्ति वापस दिलाने से संबंधित केस स्टडीज का हवाला दिया गया है।

























