जांजगीर। अब सिर्फ गलियों में झाड़ू लगाना ही सफाई नहीं कहलाएगा, असली सफाई तब होगी जब घर के शौचालयों में वर्षों से जमी गंदगी यानी फिकल स्लज भी सुरक्षित तरीके से बाहर निकाली जाएगी और उसका वैज्ञानिक तरीके से ट्रीटमेंट होगा।
इसी सोच को जमीन पर उतारने के लिए जनपद पंचायत पामगढ़ के ग्राम लगरा में फिकल स्लज मैनेजमेंट यूनिट की शुरुआत की गई है। यह यूनिट न केवल गांव की सेहत सुधारने में मदद करेगी, बल्कि आसपास के कई गांवों के लिए भी राहत बनकर आई है।गांवों में वर्षों से टॉयलेट तो बने, लेकिन उनके टैंक और गड्ढों में जमा मानव मल का निपटान नहीं हो पा रहा था। धीरे-धीरे यही गंदगी भूजल को दूषित कर रही थी, जिससे बदबू फैलती और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता। लोगों को लगता था कि सफाई का मतलब बस कचरा उठाना है, लेकिन टॉयलेट टैंक की सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी।
शुल्क और संपर्क सुविधा: गांव के भीतर फिकल स्लज टैंक की सफाई का शुल्क 2000 प्रति टैंक, 15 किमी तक के अन्य गांवों के लिए 3000 प्रति टैंक, और उससे आगे 50 प्रति किमी अतिरिक्त शुल्क निर्धारित किया गया है। सेवा पाने के लिए टोल-फ्री नंबर 9617837862 पर कॉल करें या सीधे ग्राम पंचायत लगरा में आवेदन जमा कराना होगा।
जागरूकता से समाधान कलेक्टर जन्मेजय महोबे और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गोकुल रावटे के मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत मिशन की टीम ने गांव-गांव जाकर लोगों को बताया कि स्वच्छता सिर्फ बाहर से नहीं, अंदर से भी जरूरी है। जब जागरूकता बढ़ी, तो समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाया गया। ग्राम लगरा में 47 लाख रुपए की लागत से फिकल स्लज मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना की गई। इसका संचालन श्री ज्वाला प्रसाद खूंटे को सौंपा गया है। यूनिट की शुरुआत के साथ ही अब तक 4 टैंक की सफल सफाई हो चुकी है।