
नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान के निर्माण को मंजूरी दी है। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) इसके मॉडल एडवांस्ड मीडियम कांबैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के डिजाइन पर पहले से काम कर रहा है। वर्तमान में सिर्फ तीन देशों अमेरिका, रूस और चीन के पास पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान हैं।
आइये जानते हैं कि पांचवी पीढ़ी के विमान क्या होते हैं और भारत के लिए स्वदेशी विमानों का होना क्यों जरूरी है?
क्या है एएमसीए
भारत का पहला पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान सिंगल सीट और दो इंजन वाला होगा। यह एडवांस्ड स्टील्थ कोटिंग और इंटरनल वेपन बेज से लैस होगा। इंटरनल वेपन बेज में लगाए गए हथियार बाहर से दिखते नहीं हैं। अमेरिका के एफ- 22 और रूस के एसयू- 57 लड़ाकू विमान में ये फीचर्स हैं। एमसीए के दो वर्जन होंगे।
पहले वर्जन में अमेरिका में बना जीइ 414 इंजन लगेगा। दूसरे वर्जन में स्वदेशी जेट इंजन लगेगा, जो जीइ 414 से ज्यादा ताकतवर होगा। कुल मिला कर यह सुपरमैन्यूवरेबल और स्टील्थ फीचर वाला मल्टीरोल लड़ाकू विमान होगा।संभावित फीचर्स अधिकतम ऊचाई तक जा सकेगा, 55,000 फीट इंटरनल बेज में वैपन, 1,500 किलोग्राम बाहर, 5,500 किलोग्राम ईंधन क्षमता, 6,500 किलोग्राम