
जालंधर। इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन सेंटर (आईसीसीसीसी) ने पंजाब से चल रहे ऐसे 17 हजार से अधिक बैंक एकाउंट का डाटा पंजाब स्टेट साइबर क्राइम पुलिस को दिया, जिनसे करोड़ों की ठगी हुई। पिछले दो वर्ष में इन बैंक खातों के जरिये 800 करोड़ से अधिक की ठगी होने का अनुमान है। स्टेट साइबर क्राइम पुलिस ने 5,836 बैंक खातों को सर्विलांस पर रखा तो 306 पर एफआईआर दर्ज की।
इसमें 10 करोड़ की ठगी का पता चला। अब स्टेट साइबर क्राइम सेल ने सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को डाटा भेज फर्जी बैंक खातों पर मामले दर्ज करने को कहा है। स्टेट साइबर क्राइम की स्पेशल डीजीपी वी नीरजा ने कहा कि ऐसे खातों से क्रिफ्टो करंसी के जरिये पैसा विदेश में भेजा गया है, जिसकी जांच अभी जारी है। स्टेट साइबर क्राइम सेल के एसपी जश्न गिल ने कहा कि ये मामले कई सौ करोड़ के फ्राड तक पहुंचेंगे। आईसीसीसीसी ने साइबर ठगी की शिकायतों पर सर्विलांस रखा तो पंजाब के इन फर्जी बैंक खातों का पता चला। इन खातों का डाटा पिछले दो वर्ष का है। एसपी जश्न गिल ने कहा 17,000 फर्जी बैंक खातों का आंकड़ा बड़ा था, जिसकी जांच को महीनों लग सकते थे, इसलिए पहले उन खातों की जांच जो पहली लेयर में आते है, जिनमें ठगी के साथ ही पैसा पहुंच गया और आगे अलग-अलग खातों में पहुंच गया।
ऐसे सभी खाता संचालकों पर मामले दर्ज करने के लिए राज्य के जिला पुलिस प्रमुखों को कहा गया है। इसके बाद सेकेंड लेयर फिर थर्ड लेयर में वो खाते आते है, जिनके पास बाद में पैसा पहुंचा। म्यूल एकाउंट धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक एकाउंट को म्यूल एकाउंट कहा जाता है। जो गरीब और जरूरतमंदों को लालच देकर खुलवाया जाता है।