
ऩईदिल्ली, २६ मार्च ।
राजधानी के सघन इलाकों में दमकल विभाग के समय पर न पहुंचने से राहत व बचाव में बाधा आ रही थी। इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली सरकार दमकल विभाग को मजबूत करने और दिल्ली की भौगोलिक परिस्थितियों व कॉलोनियों की बसावट के हिसाब से तैयार करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बजट में इस विभाग को तकनीक व संसाधन मुहैया कराने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। साथ ही 1952 में कनॉट प्लेस में बने दमकल विभाग के मुख्यालय का नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा। साथ ही यह मुख्यालय अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होगा।इसमें आधुनिक कॉल सेंटर के साथ ही आग बुझाने के लिए आधुनिक तकनीक से लैस उपकरण होंगे। शिकायतों के समाधान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रावधान किए जाएंगे। सरकार ने विभाग के आधुनिकीकरण व वाहनों की खरीद के लिए 110 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है, जबकि पूंजीगत योजनाओं की पूर्ति के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।दिल्ली सरकार ने आग बुझाने के लिए दो पहिया वाहनों का इस्तेमाल करने की घोषणा की है। सीएम ने कहा है कि संकरी गलियों और घनी आबादी वाले इलाकों में अग्निशमन को प्रभावी बनाने के लिए दो पहिया अग्निशमन वाहन होंगे। साथ ही आग की घटना की सूचना मिलने पर कम से कम समय में मदद पहुंचने के तरीके में सुधार किया जाएगा। वहीं, भीड़भाड़ वाले और दूरदराज के इलाकों में कम समय में अग्निशमन वाहन पहुंचें, इसके लिए 100 जगहों पर 100 छोटे वाहन तैनात किए जाएंगे।वहीं, 17 बड़े अग्निशमन वाहन भी खरीदे जाएंगे। इसके अलावा आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए पहले चरण में बहुमंजिला इमारतों में राहत और आग से बचाव के लिए मल्टी आर्टिकुलेटेड फायर टावर, एरियल लैडर प्लेटफॉर्म व्हीकल आदि वाहन खरीदे जाएंगे। साथ ही 24 बहुउद्देश्यीय वाहन आधुनिक तकनीक से लैस होंगे। दिल्ली में आग लगने की घटनाओं और जान-माल के नुकसान का एक कारण बड़ी इमारतों को फायर एनओसी जारी करने की जटिल प्रक्रिया है। इसलिए लोग फायर एनओसी के लिए विभाग में नहीं जाते क्योंकि वहां यह एनओसी आसानी से नहीं मिलती। नियम इतने जटिल हैं कि विभाग के कर्मचारियों का रवैया भी ठीक नहीं है। साथ ही इसमें भ्रष्टाचार के भी आरोप लगते हैं। सरकार बजट में इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करेगी। इसके आधार पर प्रक्रिया में बदलाव किए जाएंगे।