नईदिल्ली, 0२ अप्रैल ।
लोकसभा में बुधवार को वक्फ बिल पेश किया जाएगा। सरकार की तरफ से इस बिल को पारित करने की जिम्मेदारी खुद अमित शाह ने उठाई है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों इस बिल की खिलाफत की है।इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भाजपा के सहयोगी दलों और सांसदों सहित सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करें और किसी भी परिस्थिति में इसके पक्ष में मतदान न करें। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत में एक गैर-सरकारी संगठन है जो पर्सनल लॉ के मामलों में मुसलमानों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका गठन 1973 में भारत में मुसलमानों के बीच इस्लामी पर्सनल लॉ के अनुप्रयोग की रक्षा और प्रचार करने के उद्देश्य से किया गया था। एनडीए की बात करें तो टीडीपी, जदयू, हम, रालोद जैसे सभी सहयोगी दलों ने विधेयक के समर्थन का एलान कर दिया है और अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिया है। अभी तक की जानकारी के अनुसार यह बिल लोकसभा में दोपहर 12 बजे पेश होगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विधेयक को पेश करने की जानकारी दी गई। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने सभी लोकसभा सांसदों को कल यानी 02 अप्रैल को संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। इधर, विपक्ष ने इस बिल पर चर्चा के लिए 12 घंटे के समय की मांग की है। वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर रणनीति पर चर्चा के लिए संसद में विपक्ष की बैठक शुरू हुई।वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं।
कांग्रेस और अन्य दल मुसलमानों को गुमराह करने और भडक़ाने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे सीएए को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया गया और शाहीन बाग में प्रदर्शन हुए, वैसे ही वही लोग वक्फ अधिनियम को लेकर मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं।अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने रिजिजू ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर विपक्षी नेता मुस्लिमों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस संशोधित विधेयक में गरीब-पिछड़े मुसलमानों और महिलाओं के भले के लिए प्रविधान किए गए हैं।