
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को अंग्रेजी में शिक्षा की आवश्यकता की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए यह आवश्यक है। राहुल गांधी ने तेलंगाना में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में किसी व्यक्ति की सफलता का निर्धारण करने का सबसे बड़ा कारक अंग्रेजी शिक्षा ही है। इसका मतलब है कि आज भारत में अंग्रेजी शिक्षा कहीं ज्यादा प्रभावशाली है।
राहुल गांधी ने उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि अगर आप अंग्रेजी को खत्म करने वाले भाजपाइयों से पूछेंगे कि आपके बच्चे किस स्कूल में पढ़ते हैं? तो उनका जवाब हमेशा यही होगा कि वे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ते हैं। मेरा सवाल यह है कि यह अवसर भारत के सबसे गरीब व्यक्ति , दलित, आदिवासी या ओबीसी को क्यों नहीं दिया जाना चाहिए?
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि एक समाज को आर्थिक मजबूती, मानवीय मजबूती और मानसिक मजबूती की जरूरत होती है और जिस समाज में ये तीनों चीजें होती हैं, वह प्रगति करता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में अंग्रेजी भाषा एक जरूरत बन गई है और अगर हम इसे बढ़ावा नहीं देंगे, तो यह बहुत मुश्किल हो जाएगा।
दूसरों के बच्चों को अंग्रेजी सीखने का मौका नहीं देना चाहते- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कुछ लोग अपने बच्चों को तो अंग्रेजी सिखाना चाहते हैं, लेकिन दूसरों के बच्चों को अंग्रेजी सीखने का मौका नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि आरएसएस, भाजपा के नेता और भाषा के नाम पर आंदोलन करने वाले लोग अपने बच्चों को बड़े स्कूलों में पढ़ाने के लिए लाखों रुपये फीस देते हैं। ऐसे में अगर सरकार जनता के पैसे से गरीब बच्चों को शिक्षा देती है, तो इसमें क्या बुराई है? हालांकि, उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं है। जाति आधारित जनगणना कराने के लिए तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं की प्रशंसा करते हुए उन्होंने इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी लागू करने का आह्वान किया, ताकि लोगों को उनका उचित हक मिल सके।
जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए- खरगे
खरगे ने कहा कि राहुल गांधी जहां भी गए, उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए ताकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदायों को उनका वाजिब हक मिल सके। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जिस तरह से जाति आधारित जनगणना का काम हुआ है, उसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।