चिरमिरी। छत्तीसगढ़ के (मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) जिले के नगर पालिक निगम चिरमिरी क्षेत्र में इन दिनों बंदरों का आतंक स्थानीय लोगों के लिए गंभीर परेशानी का सबब बना हुआ है। शहर के कई इलाकों में बंदरों का बड़ा झुंड घूम रहा है, जो न सिर्फ लोगों के घरों में घुस रहा है, बल्कि खाने-पीने का सामान उठाकर ले जा रहा है।
शहर के रिहायशी इलाकों में पेड़ों, छतों और खिड़कियों से कूदते बंदरों की हरकतों से लोग दहशत में हैं। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, खुली खिडक़ी या दरवाजे के जरिए बंदर आसानी से घरों में घुस जाते हैं और खाद्य सामग्री चुरा लेते हैं। कई बार तो ये घरों की छत पर बैठकर आराम से चोरी किए गए सामान का मज़ा लेते दिखते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में इस कारण डर का माहौल बना हुआ है। लोगों की लगातार बढ़ती शिकायतों और समस्या की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने आखिरकार इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है। चिरमिरी क्षेत्र में बंदरों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग की टीम ने विशेष पिंजरे लगाए। इस प्रयास का असर अब साफ दिखने लगा है। वन विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। डीएफओ (जिला वन अधिकारी) मनीष कश्यप ने बताया कि उनके कर्मचारियों को लगातार निर्देशित किया गया है कि बंदरों को पकडऩे के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा, अब तक 50 से ज्यादा बंदरों को पकड़ा गया है और उन्हें दूर के जंगलों में छोड़ा गया है, ताकि वे वापस न लौटें।
डीएफओ ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि चिरमिरी क्षेत्र जंगल से घिरा है, इसलिए यहां बंदरों की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ती रहती है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बंदरों को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाए बिना उन्हें सुरक्षित तरीके से पकड़ा और स्थानांतरित किया जा रहा है। फिलहाल, विभाग की सक्रियता से स्थानीय लोग राहत महसूस कर रहे हैं, हालांकि कुछ इलाकों में अभी भी बंदरों की मौजूदगी बनी हुई है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें और बंदरों को भोजन न दें ताकि उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सके। विभाग की टीम रोजाना इस दिशा में काम कर रही है।