नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 1990 के कस्टोडियल डेथ केस में अपनी आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग की थी। उन्होंने इस मामले में जमानत की भी मांग की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया।
न्यायमूर्ति विगिम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह सजा को निलंबित करने और संजीव भट्ट को जमानत पर रिहा करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि, पीठ ने निर्देश दिया कि भट्ट द्वारा शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपील पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई की जाएगी। यह मामला 1990 में घटित एक घटना से संबंधित है जब संजीव भट्ट जामनगर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे।