
कोरबा 01 अगस्त। कोरबा में संचालित एसईसीएल की विभिन्न कोयला खदानों के विस्तारीकरण योजना से प्रभावित हुए भू-विस्थापितों की समस्याओं से अवगत कराते हुए पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केन्द्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखा है। श्री रेड्डी को सम्बोधित पत्र में लिखा गया है कि कोरबा की विभिन्न खदानों की विस्तार योजनाओं से प्रभावित भू-विस्थापितों को न तो उचित मुआवजा दिया जा रहा है और न ही उनकी बसाहट के लिए समुचित प्रबंध किये जा रहे हैं। यहां तक कि रोजगार उपलब्ध कराना तो दूर की बात है, बरसात के मौसम में उनके घरों को भी गिराया जा रहा है।
जयसिंह अग्रवाल ने पत्र में आगे लिख है कि विगत दिनों कोयला मंत्री का कोरबा प्रवास हुआ था और उस प्रवास के दौरान केवल और केवल कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकें हुईं और उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने पर दबाव बनाया गया। एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा भी उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए बनाई गई योजनाओं के संबंध में ही उन्हें जानकारी दी गई इसके अलावा उन्होंने भू-विस्थापितों की समस्याओं को जानने की न तो कोशिश किया और न ही एसईसील के अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराना जरूरी समझा।
पूर्व मंत्री ने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि जब तक वे जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर बैठक नहीं लेते हैं, भू-विस्थापितों की समस्याओं से जुड़ी जमीनी सच्चाई से वे अवगत नहीं हो पाएंगे क्योंकि एसईसीएल प्रबंधन स्वयं उन समस्याओं की जानकारी से उन्हें दूर रखना चाहता है। पत्र में लिखा गया है कि भूमि पुत्रों की कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण एसईसीएल द्वारा किया जा चुका है। खेती के लिए उनके पास जमीन नहीं बची है। प्रबंधन उन्हें रोजगार नहीं दे रहा है। जीवन यापन के लिए उनके समक्ष दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। मजबूर होकर उन्हें आन्दोलन की राह पर चलना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन और प्रबंधन के साथ बैठकों का दौर चलता है और उन्हें केवल आश्वासन देकर टाल दिया जाता है। इस प्रकार से दिए गए आश्वासन को प्रबंधन और प्रशासन कभी अमल में नहीं लाते और मजबूर होकर वे पुनः आंदोलन करते हैं और यह सिलसिला जारी रहता है।
जयसिंह अग्रवाल ने कोयला मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि जब भी उनका कोरबा प्रवास का कार्यक्रम बने, जनप्रतिनिधियों से मुलाकात का समय अवश्य निर्धारित करावें ताकि जिनकी जमीन का अधिग्रहण कर एसईसीएल अपने उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए खदानों का विस्तार कर रहा है, उनकी समस्याओं की जमीनी सच्चाई से वे अवगत हो सकें। इसके साथ ही पत्र में कोयला मंत्री से आग्रह किया गया है कि वे उन भूमि पुत्रों की मूलभूत व बुनियादी समस्याओं के प्राथमिकता के आधार पर सार्थक समाधान हेतु प्रबंधन व प्रशासन को समुचित रूप में निर्देशित करने का कष्ट करें।