बकरी शेड निर्माण कार्य से ग्रामीण महेत्तर लाल की आजीविका को मिला नया आधार

जांजगीर-चांपा। जब मेहनत को अवसर मिलता है, तो सपने हकीकत बन जाते हैं ग्राम साजापाली के शांत गलियारों में, जब महेत्तर लाल बरेठ की आँखों में उम्मीद की रोशनी जगी, तब मनरेगा की योजना ने उस उम्मीद को हकीकत में बदल दिया। कभी बारिश और धूप में अपने पशुओं को खुले आसमान के नीचे संभालने वाला किसान, आज उसी जगह पर एक मजबूत बकरी शेड का स्वामी है, जहाँ उसकी आजीविका, उसका सम्मान और उसका भविष्य सुरक्षित है। यह केवल एक निर्माण कार्य नहीं बल्कि आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के सपने को आकार देने वाली एक सजीव कहानी है। मनरेगा योजना ने न केवल रोजगार दिया, बल्कि आत्मविश्वास की वो नींव रखी, जिस पर अब ग्रामीण विकास की नई इमारत खड़ी हो रही है।
मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत साजापाली में हितग्राही श्री महेत्तर लाल के आजीविका संवर्धन हेतु बकरी शेड निर्माण कार्य कराया गया। इस कार्य का उद्देश्य पशुपालन के माध्यम से ग्रामीणों की आय बढ़ाना और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त कदम उठाना था। यह कार्य वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत हुआ, जिसकी कुल स्वीकृत राशि 0.88 लाख थी, जिसमें से 0.11 लाख मजदूरी एवं 0.77 लाख सामग्री मद के रूप में स्वीकृत किया गया। कार्य का प्रारंभ जनवरी 2024 को हुआ और नवम्बर 2024 को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। कार्य के क्रियान्वयन से कुल 42 मानव दिवस सृजित हुए, जिससे स्थानीय मजदूरों को रोजगार का अवसर मिला। ग्राम पंचायत साजापाली की जनसंख्या लगभग 940 है तथा 567 परिवार जॉब कार्ड धारक हैं। यह पंचायत जनपद अकलतरा से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
हितग्राही महेत्तर लाल बरेठ ने बताया कि बकरी शेड निर्माण कार्य से पहले पशुपालन में कई कठिनाइयां थीं। बरसात और ठंड के मौसम में बकरियों के लिए आश्रय की कमी रहती थी। अब पक्का शेड बन जाने से पशुओं को सुरक्षित ठिकाना मिला है, जिससे दूध और खाद उत्पादन में वृद्धि हुई है। हमारी आमदनी अब दोगुनी हो रही है। इस कार्य से न केवल हितग्राही को स्थायी आजीविका का साधन प्राप्त हुआ, बल्कि अन्य ग्रामीणों के लिए भी यह प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है। बकरी शेड निर्माण कार्य ने पशुपालन को नया आधार दिया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और हितग्राही आत्मनिर्भर बन रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बकरी शेड निर्माण कार्य ने यह सिद्ध किया है कि यदि योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो, तो ग्रामीण आजीविका को नई दिशा दी जा सकती है। यह कार्य ग्राम पंचायत साजापाली द्वारा स्थानीय भागीदारी और प्रशासनिक सहयोग से समय पर पूर्ण किया गया, जो ग्रामीण विकास के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मनरेगा योजना के तहत बकरी शेड निर्माण कार्य से ग्रामीण परिवारों में आत्मनिर्भरता की नई रोशनी जगी है। यह कार्य ग्रामीण विकास और आजीविका सशक्तिकरण का प्रेरक उदाहरण बन गया है।

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