
बिन पानी तरसेगा पाकिस्तान!
नईदिल्ली, १७ मई ।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान की कमर तोडऩे के लिए तिहरा वार करने की तैयारी कर रहा है। इस सिलसिले में पाकिस्तान की हेकड़ी निकालने के लिए भारत रणबीर नहर का दोहरीकरण करने पर विचार कर रहा है।इसके जरिये पाकिस्तान के पंजाब जा रहे चेनाब नदी के पानी की बड़ी मात्रा भारत में ही रोक ली जाएगी। अभी सिर्फ एक रणबीर नहर से चेनाब का पानी जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाया जाता है। जाहिर है कि इससे हम अपने भी हिस्से का पूरा पानी नहीं ले पाते हैं।नहर के दोहरीकरण से भारत 150 घन मीटर पानी डायवर्ट कर पाएगा। कश्मीर में 26 नागरिकों की हत्या के तुरंत बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। यह समझौता सिंधु नदी प्रणाली के तहत जल बंटवारे का प्रबंधन करता है। भारत और पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम पर सहमत होने के बावजूद समझौते को बहाल नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियों को चेनाब, झेलम और सिंधु नदी की परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी लाने का आदेश दिया है। इनमें से एक प्रमुख योजना रणबीर नहर का दोहरीकरण है।एक अधिकारी ने बताया कि इसको लेकर चर्चा पिछले महीने शुरू हुई थी और संघर्ष विराम के बाद भी जारी है।
पाकिस्तान की लगभग 80 प्रतिशत खेती सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है और लगभग सभी जलविद्युत परियोजनाएं भी इसी पर स्थित हैं। इस्लामाबाद को इस बात का अंदाजा है कि भारत ने यदि बांध, नहर या अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर पानी को रोकना शुरू कर दिया, तो उसे किस तरह के दबाव का सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान में रणबीर नहर लगभग 120 किलोमीटर लंबी है। इसका विस्तार किए जाने पर भारत हर सेकेंड 150 घन मीटर पानी चेनाब नदी से डायवर्ट कर सकता है, जबकि वर्तमान में यह मात्रा केवल 40 घन मीटर है। चेनाब नदी का पानी पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में खेती और पेयजल के लिए बेहद आवश्यक है। अगर भारत इस पानी को मोडऩे में सक्षम हो गया, तो पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है।