सरकार जागो, कोरबा को चाहिए खुद का आयुष कार्यालय जल्द

सरकार के उच्च अधिकारियों को है मामले की जानकारी
कोरबा। आत्मनिर्भर भारत को लेकर सरकार बड़े स्तर पर कार्यक्रम का संचालन कर रही है और इसके माध्यम से लोगों को बेहतर करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन इसके ठीक विपरीत कोरबा जिले में आयुष विभाग को अब तक कार्यालय के लिए अपना भवन नहीं मिल सका है और किराए की व्यवस्था पर निर्भरता बनी हुई है। इसके चलते एक प्रकार से सरकार को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। खुद के भवन की व्यवस्था पर इसलिए जोर दिया जा रहा है क्योंकि आयुष अस्पताल का संचालन उसके अपने भवन में शुरू हो सका है।
सरकार की ओर से कोरबा के डेंगापुर क्षेत्र में आयुर्वेद पंचकर्म और अन्य संबंधित विद्या का लाभ मरीजों को देने के लिए आयुष क्लिनिक प्रारंभ कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि खुद के भवन में यह सुविधा शुरू की गई है और काफी बड़े परिसर में व्यवस्था का संचालन ठीक प्रकार से आयुष की टीम कर रही है। ऐसा होने से कामकाज करना काफी सहज हो गया है। ओपीडी से लेकर फार्मेसी, जांच परामर्श और अन्य सभी प्रकार की सुविधा यहां पर मुहैया कराई गई है। ऐसा होने से बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित किया जाना आसान हुआ है । पूर्व आयुष क्लिनिक का संचालन वैकल्पिक आधार पर चल रहा था और ऐसे भी समस्या थी जिनका निराकरण हो सका है।
कोरबा जिला मुख्यालय आयुष पॉलीक्लिनिक अब अतीत की बात रह गई है क्योंकि उसके लिए बड़ा भवन, वह भी खुद का उपलब्ध हो गया है। इन सबके विपरीत जिला आयुष अधिकारी कार्यालय के लिए अपना भवन अपने आप में एक जटिल विषय बना हुआ है। हैरानी की बात यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 25 साल पूरे होने के बाद भी कोरबा जैसे आर्थिक रूप से समृद्ध जिले में आयुष अधिकारी के कार्यालय के लिए खुद का भवन नहीं बन सका। यह बात जरूर है कि आधिकारिक स्तर पर कई प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजे गए। हर पत्राचार के बाद जवाब मिला कि प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और शीघ्र अगली कार्रवाई की जाएगी लेकिन वह दिन अभी तक नहीं आ सके। और यही कारण है कि अलग-अलग कॉलोनी जिला आयुष अधिकारी कार्यालय एक प्रकार से चक्कर काटने को मजबूर है। हर महीने इसके लिए बड़ी राशि किराए के रूप में अदा करनी पड़ रही है। खुद आयुष विभाग इस बात को स्वीकार करता है कि जितने रुपए अब तक किराए के नाम पर खर्च किए जा चुके हैं, उतने में तो हमारा खुद का भवन बन सकता था और यह अपनी स्थाई व्यवस्था भी होती। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर आयुष विभाग कोरबा में अपने कार्यालय को लेकर आखिर गंभीर क्यों नहीं है। याद रहे कोरबा में दो चार विभागों को छोड़ दिया जाए तो बाकी के जिला स्तरीय कार्यालय के लिए पृथक से भवन बन चुके हैं और ऐसा होने से विभागीय कामकाज हर दृष्टि से सरल हुआ है और कर्मचारियों को सहूलियत हो रही है।

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