
कोरबा। एसईसीएल प्रबंधन के साथ-साथ राजस्व विभाग, फॉरेस्ट और नगर निगम क्यों उदासीनता के कारण हेलीपैड स्थित ग्रीन बेल्ट नर्सरी संकट में है। यहां व्यापक पैमाने पर हरे भरे पेड़ों की कटाई करने के साथ अवैध निर्माण हो रहा है। निर्माण सामग्री के साथ मिक्सर मशीन अवैध निर्माण करने वालों को हर स्तर से छूट मिली हुई है।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा लीज पर ली गई जमीन पर ग्रीन बेल्ट विकसित किया गया है। यहां पर बीते कुछ दिनों से पेड़ काटे जा रहे हैं। रात में भारी मात्रा में रेत, गिट्टी और निर्माण सामग्री गिराई जा रही है। मौके पर मिकसर मशीन भी देखी गई है। इससे पता चलता है कि स्थायी निर्माण की तैयारी चल रही है। बीम खड़े किए जा चुके हैं और कब्जे की गति तेज हो गई है।
सबसे ज्यादा हैरानी इस बात पर होती है कि सब कुछ खुलेआम हो रहा है लेकिन न तो प्रशासन और न ही नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई दिख रही है। लोगों का कहना है कि यह जमीन ग्रीन ज़ोन के तहत आती है, जहां किसी भी प्रकार का निर्माण गैरकानूनी है। बावजूद इसके, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रातों-रात संरचना खड़ी की जा रही है। इससे पहले पार्षद शैलेन्द्र सिंह ने अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाई थी। नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची भी थी और कब्जाधारियों को हटाया गया था, लेकिन अब फिर से वही कब्जे की गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं।
ज्वलंत सवाल, आखिर किसका है आशीर्वाद
शहरी क्षेत्र में कुछ स्थानों पर करने के मामले में प्रशासन के निर्देश पर कार्रवाई की गई और जमीनों को मुक्त कर दिया गया। अलग-अलग स्थान पर इस प्रकार की कार्रवाई पिछले दिनों में की गई है। लेकिन जिस तरीके से ग्रीन बेल्ट हेलीपैड इलाके में पेड़ों की कटाई के साथ अवैध निर्माण चल रहा है उसे पर सवाल खड़े होते हैं कि आखिर इन लोगों को अधिकारियों ने संरक्षण दिया है या नेताओं ने।