
नई दिल्ली। अमेरिका में रहने वाले हजारों भारतीय टेक प्रोफेशनल्स और छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। ट्रंप प्रशासन ने साफ किया है कि हाल ही में लागू की गई H-1B वीजा की 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की भारी-भरकम फीस से कई लोगों को छूट मिलेगी। खास तौर पर, अमेरिका में पहले से मौजूद अंतरराष्ट्रीय स्नातकों और मौजूदा H-1B वीजा धारकों को यह फीस नहीं देनी होगी। इस एलान ने भारतीय कामगारों, अमेरिकी नियोक्ताओं और इमिग्रेशन वकीलों की चिंताओं को काफी हद तक कम कर दिया है। पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने तकनीकी रूप से कुशल विदेशी कामगारों के लिए यह मोटी फीस लागू की थी। इस खबर से भारतीय पेशेवरों को भारी चिंता हो गई थी, लेकिन अब नई गाइडलाइंस ने राहत की सांस दी है।
मौजूदा वीजा धारकों को राहत
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने साफ किया कि यह 1 लाख डॉलर की फीस उन लोगों पर लागू नहीं होगी जो पहले से अमेरिका में वैध वीजा पर रह रहे हैं। इसमें F-1 स्टूडेंट वीजा धारक, L-1 इंट्रा-कंपनी ट्रांसफरी और मौजूदा H-1B वीजा धारक शामिल हैं। ये अपने वीजा की रिन्यूअल या एक्सटेंशन के लिए आवेदन कर रहे हैं।






































