नईदिल्ली, १७ मई ।
राजधानी में गर्मी बढऩे के साथ ही बिजली की मांग बढऩे लगी है। इसी क्रम में दोपहर 3.17 बजे बिजली की अधिकतम मांग 6867 मेगावाट पहुंच गई, जो 16 मई तक अब तक बिजली की सर्वाधिक मांग का रिकॉर्ड है। डिस्कॉम के अनुसार इससे पहले 16 मई तक बिजली की इतनी अधिक मांग कभी नहीं पहुंची थी। पिछले वर्ष इसी अवधि में 6855 मेगावाट बिजली की मांग पहुंची थी। यह रिकॉर्ड भी इस बार टूट गया। पिछले वर्ष गर्मी के मौसम में पहली बार दिल्ली में बिजली की मांग आठ हजार मेगावाट से पार पहुंच थी। तब बिजली की रिकॉर्ड मांग 8656 मेगावाट रही थी।
बिजली वितरण कंपनियों का अनुमान है कि इस बार अब तक बिजली की जितनी अधिक खपत है उसे देखते हुए इस बार गर्मी में बिजली की मांग 9000 मेगा वाट पहुंच सकती है। इसे ध्यान में रखकर दिल्ली में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयार की गई है और बिजली की मांग को पूरा करने में करीब 2100 हरित बिजली की अहम भूमिका होगी। बीआरपीएल और बीवाईपीएल के इलाके में क्रमश: 3004 मेगावाट और 1479 मेगावाट अधिकतम बिजली की मांग रही। पिछले वर्ष बीआरपीएल के इलाके (पश्चिमी और दक्षिणी दिल्ली) में बिजली की अधिकतम मांग 3809 मेगावाट और बीवाईपीएल के इलाके (पूर्वी और मध्य दिल्ली) में बिजली की अधिकतम मांग 1882 मेगावाट रही थी।
इस बार दोनों इलाकों में बिजली की अधिकतम मांग क्रमश: 4050 मेगावाट और 1900 मेगावाट पहुंचने का अनुमान है। बीएसईएस का दावा है कि बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिक बिजली फाल्ट होने वाले हट-स्पाट की पहचान बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत किया है। ऑनलाइन लोड निगरानी सिस्टम भी शुरू की गई है। इसके तहत ट्रांसफर और 11केवी के फीडर लोड की निगरानी की जा रही है। दूसरी ओर टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-डीडीएल) के इलाके में शुक्रवार को अधिकतम 2045 मेगावाट बिजली की मांग रही।
इस बिजली वितरण कंपनी का दावा है कि बिना व्यवधान के बिजली की मांग पूरी की गई।