कोरबा। श्री श्याम मित्र मंडल की नई कार्यकारिणी की चुनाव प्रक्रिया को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने चुनाव को गैरकानूनी, मनमाना और पक्षपातपूर्ण बताया था।
इस पर हाई कोर्ट के जज ने रायपुर स्थित फर्म्स व सोसायटी के रजिस्ट्रार को निर्देशित किया है कि उक्त शिकायतों पर 45 दिनों के भीतर निर्णय लें। हाई कोर्ट के जज का यह निर्देश गोपाल कुमार अग्रवाल द्वारा दायर रिट याचिका (सिविल) में पारित हुआ है। इसमें याचिकाकर्ता ने समिति के 1 अक्टूबर 2024 को हुए चुनाव के विरुद्ध चुनौती दी थी।
इसमें आरोप लगाया है कि चुनाव की सूचना व मतदाता सूची नियमानुसार 15 दिन पहले प्रकाशित नहीं की गई, मतदाता सूची चुनाव से केवल कुछ घंटे पहले जारी की गई, पुराने सदस्यों को जानबूझकर सदस्यता से वंचित किया और नए सदस्यों को बिना प्रक्रिया के जोड़ा, चुनाव में वास्तविक मतदान हुआ ही नहीं और िसर्फ 20-30 सदस्य उपस्थित थे, जबकि कुल संख्या 351 थी सहित अन्य शिकायत की थी।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हर्षवर्धन अग्रवाल ने न्यायमूर्ति अमितेन्द्र किशोर प्रसाद की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान यह निवेदन किया कि इस स्तर पर केवल इतना निर्देश दें कि रजिस्ट्रार लंबित शिकायतों का 29 मई 2024, 8 जुलाई 2024 व 17 अक्टूबर 2024 को दाखिल चुनाव याचिका पर कानून के अनुसार निर्णय करें। कोर्ट ने इस पर सहमति जता स्पष्ट किया कि न्यायालय इस चरण पर विषयवस्तु (मेरिट) में नहीं जाएगा, चूंकि मामला 2024 से लंबित है, अत: रजिस्ट्रार, फर्म्स व सोसायटीज़ रायपुर को निर्देशित किया कि वह सभी पक्षों को सुनकर कानून अनुसार 45 दिनों में निर्णय पारित करें। यह आदेश से उन सदस्यों को राहत मिली है, जिन्होंने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की मांग की थी।