
अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में हिंदू छात्र को पिस्टल की बट से पीटा। आरोप है कि हमलावरों ने उस पर कलमा पढऩे का भी दबाव बनाया। शोर शराबा होने पर हमलावर धमकी देकर भाग गए। छात्र ने एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचार कराया। प्रॉक्टर कार्यालय में उसने पांच-छह हमलावरों के खिलाफ तहरीर दी है। झगड़े के पीछे छात्रों में आपसी टशन और किसी लडक़ी को लेकर विवाद बताया जा रहा है।सिविल लाइन क्षेत्र के पुरानी चुंगी निवासी प्रशांत राठी एएमयू के राजा महेंद्र प्रताप सिंह सिटी हाईस्कूल में 11वीं का छात्र है। प्रशांत ने बताया कि रविवार की शाम करीब छह बजे वह मित्र उजैफा से मिलने यूनिवर्सिटी के अंदर अल्लामा इकबाल हॉल गया था। वहां मिंटो सर्किल के छात्र अरमान के साथ यूनिवर्सिटी के ही अन्य विभागों में पढ़ रहे सैफुल्लाह, दानिश आदि ने घेर लिया। अरमान के हाथ में पिस्टल थी, जिससे उसने सिर पर हमला किया। अन्य छात्रों ने भी पीटा। सभी ने उस पर कलमा पढऩे का दबाव बनाया। प्रशांत के अनुसार, हमलावरों से उसका पहले कभी झगड़ा नहीं हुआ। यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्डों ने उसे बचाकर जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। रात 11 बजे उपचार कराने के बाद प्रशांत तहरीर देने के लिए प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचा। झगड़े के पीछे छात्रों की टशन व किसी लडक़ी से बातचीत करने का मामला भी बताया जा रहा है। प्रॉक्टर प्रो. एम वसीम अली के अनुसार छात्र की तहरीर के आधार पर हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इंस्पेक्टर सिविल लाइन पंकज मिश्रा के अनुसार, छात्र की पिटाई की सूचना मिली थी। उसके सिर में चोट के निशान हैं। तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। छात्र पर कलमा पढऩे का दबाव बनाया गया, यह जानकारी में नहीं है।एएमयू आरक्षण संघर्ष मोर्चा के संयोजक जय यादव ने कहा है कि विश्वविद्यालय में आए दिन हिंदू छात्रों के साथ घटनाएं होती रहती हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन मामले की गहनता से जांच कर कार्रवाई करे। ऐसा न होने पर आंदोलन को बाध्य होंगे। भाजयुमो के अमित गोस्वामी ने कहा है कि कलमा पढऩे का दबाव बनाना और छात्र को पीटना गंभीर मामला है। पुलिस को हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। चाहे वो कोई भी हों।



























