मऊ, १२ मार्च
एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलाजी (एआरटी) सेंटर की फरवरी में आई रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसके अनुसार पूरे जनपद में 85 नौनिहाल एचआईवी पीडि़त मिले हैं। इनमें 83 लडक़े व दो लड़कियां हैं। बताया जा रहा है कि इनके पाता-पिता भी एचआइवी पीडि़त हैं। इनके अलावा जिला जेल में 11 किन्नर संक्रमित मिले हैं। जनपद में कुल 2,394 एचआइवी से संक्रमित मरीज हैं, जिनका उपचार चल रहा है।मऊ के सीएमओ डा. राहुल सिंह ने बताया कि समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। बढ़ी हुई संख्या चिंतित करने वाली है। जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर में जांच व उपचार दोनों की सुविधा है। जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर के अनुसार, जनपद में कुल एचआइवी से संक्रमित मरीजों में 1,147 पुरुष व 1,151 महिलाओं के अलावा 11 किन्नर और 85 नौनिहाल हैं। इनका उपचार स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। काउंसलर वंदना श्रीवास्तव ने बताया कि संक्रमित मरीजों में दूसरे प्रांतों में वाहन चलाने वाले ड्राइवर भी शामिल हैं। वहीं बलिया में शासन- प्रशासन के सख्त कार्रवाई के बाद भी स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर नहीं दिख रही है। मंगलवार को सुबह 10.20 बजे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा के गेट पर ताला लटकता रहा। इस दौरान दूर-दूर से आए मरीज चिकित्सकों का इंतजार करते रहे। सुबह 10.35 बजे फार्मासिस्ट वीके शर्मा पहुंचे तो गेट का ताला खुला। इसके बाद भीचिकित्सकों की कुर्सी खाली रही। अस्पताल में उपचार कराने आए मरीज डाक्टर के इंतजार में अस्पताल परिसर में इधर-उधर टहलते रहे। क्षेत्र के तीन लाख लोगों की स्वास्थ्य के लिए इसका निर्माण 2005-06 में कराया गया था। स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि चिकित्सा प्रभारी को दो जगह का चार्ज है। अस्पताल के नेत्र व दांत विभाग का दरवाजा भी बंद था। टीबी व क्षय रोग कक्ष पर भी ताला लटका था। मरीज शत्रुधन सोनी ने बताया कि कुत्ते काटने का इंजेक्शन लगवाने आए हैं तो अस्पताल बंद रहा। सविता, गुडिया, मनोज, सुरेश्वरी आदि ने बताया कि बुखार व खांसी से परेशान हैं। दवा लेने के लिए आए थे लेकिन अस्पताल में ताला लटका रहा।