न सरकार सुन रही न प्रशासन के अधिकारी, बढ़ी नाराजगी
कोरबा। कोरबा स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के इंदिरा रेजिडेंशियल कम कमर्शियल परिसर क्षेत्र के सैकड़ों लोग लंबे समय से फ्री होल्ड की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। फ्री होल्ड न होने से उन्हें तरह-तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार शासन और प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे स्थानीय नागरिकों में निराशा और आक्रोश दोनों देखने को मिल रहा है।
ट्रांसपोर्ट नगर का यह इलाका कोरबा का एक महंगा और महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। यहां लगभग 1000 मकान और दुकानें हैं। यह क्षेत्र विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के कार्यकाल में विकसित किया गया था। भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए लोगों ने यहां भूखंड खरीदकर दुकानें और मकान बनाए। मध्यप्रदेश के समय 1998 में कोरबा जिला बना, तब विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का विलय कर दिया गया था। वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, लेकिन लंबे समय बीत जाने के बावजूद ट्रांसपोर्ट नगर का यह क्षेत्र अभी भी पुरानी व्यवस्था के तहत ही बना हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सरकार को इस क्षेत्र को अब फ्री होल्ड घोषित करना चाहिए ताकि वे अपनी संपत्ति का उपयोग अपनी आवश्यकता और सुविधा के अनुसार कर सकें। ऐसा होने से संपत्ति की उपयोगिता बढ़ेगी और लोग कानूनी रूप से अपने भूखंड या मकान का हस्तांतरण, बिक्री या पुनर्निर्माण कर सकेंगे। नागरिकों का यह भी कहना है कि कोरबा शहर के अन्य क्षेत्रों—जैसे निहारिका, पूर्ववर्ती हुडको कॉलोनी और हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र—की संपत्तियों को पहले ही फ्री होल्ड किया जा चुका है, जिससे हजारों लोगों को राहत मिली है। इसके विपरीत ट्रांसपोर्ट नगर के इंदिरा रेजिडेंशियल कम कमर्शियल क्षेत्र के लोग अब भी इस सुविधा से वंचित हैं।
दुसरे क्षेत्र में पहले ही प्रक्रिया पूर्ण
लोगों के अनुसार, फ्री होल्ड न होने के कारण न तो वे अपनी जमीन बेच पा रहे हैं, न ही निर्माण कार्य में स्वतंत्रता मिल पा रही है। उन्होंने प्रशासन को पहले से फ्री होल्ड किए गए क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए मांग की है कि ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र की फ्री होल्ड प्रक्रिया को शीघ्र गति दी जाए, क्योंकि यह मामला व्यापक जनहित से जुड़ा हुआ है।

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