कोरबा। जिले में गुरुवार रात से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर से लेकर सुदूर ग्रामीण अंचलों तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। कई इलाकों में जलभराव और नदी-नालों में उफान की स्थिति बनी हुई है। कोरबा रेवेन्यू सबडिवीजन के अंतर्गत आने वाले कुदमुरा क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
ग्रामीण क्षेत्र में बहने वाला हुंकरा नाला शुक्रवार सुबह भारी बारिश के चलते ओवरफ्लो हो गया। बारिश के पानी की रफ्तार इतनी तेज रही कि नाला उफान पर आ गया और सडक़ों के ऊपर से बहने लगा। स्थानीय लोगों के अनुसार, नाले में पानी की ऊंचाई लगभग 5 फीट तक पहुंच गई है, जिससे आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है।
हमारे संवाददाता के अनुसार हुंकरा नाला के ऊपर से तेज बहाव के कारण कुदमुरा और बरपाली से सटे करीब 12 गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है। इन गांवों में आवागमन का एकमात्र रास्ता हुंकरा नाला पार करके ही संभव था, लेकिन नाले की भयावह स्थिति ने ग्रामीणों को घरों में कैद कर दिया है। प्रभावित गांवों में प्रमुख रूप से कुदमुरा, बरपाली, डोंडरा, जामपानी, खैरझिटी, कर्राबेड़ा, मुड़ापार, बम्हनी, बेलतरा, जरेली, कुम्हारी व गोविंदपुर का नाम सामने आया है। इन गांवों के लोग आवश्यक सामग्री के लिए भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिससे संकट की स्थिति बनती जा रही है। गांवों में सावन और भादों के इस बारिश के मौसम को लेकर लोग बेहद चिंतित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अभी तो मौसम की शुरुआत है और नाले की यह स्थिति है, आगे क्या होगा यह सोचकर ही डर लग रहा है। यदि प्रशासन ने समय रहते वैकल्पिक मार्ग या पुल निर्माण की व्यवस्था नहीं की तो भविष्य में बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजस्व विभाग और आपदा प्रबंधन की टीम को अलर्ट मोड में रखा गया है। फिलहाल, क्षेत्रीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जलस्तर के कम होने का इंतजार कर रहा है, ताकि आवश्यकतानुसार राहत और सहायता पहुंचाई जा सके।
कुचैना मार्ग पर भी सडक़ बहा
कुसमुंडा-कुचैना-दीपका मार्ग पर पुल के निकट भारी बारिश की वजह से सडक़ के काफी हिस्से के धंसने व बहने के कारण इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है। मार्ग पर इस सडक़ की दशा पहले से ही दयनीय थी। रात भर हुई बारिश ने और भी हालात खराब कर दिए। अब लोगों विशेषकर चारपहिया वाहन चालकों को घूमकर जाना पड़ रहा है।