
नईदिल्ली, 0५ अगस्त ।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को गैरजिम्मेदाराना बयानों और टिप्पणियों के लिए सोमवार को आड़े हाथों लिया और सच्चे भारतीय होने तक की नसीहत दे डाली। कोर्ट ने सेना पर की गई टिप्पणियों के मामले में निचली अदालत से जारी समन और लंबित केस को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान उनसे कई कड़े सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि आपको कैसे पता चला कि भारतीय जमीन पर चीन ने कब्जा कर लिया है। बिना किसी सामग्री के आपने इस तरह का बयान क्यों दिया। अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो इस तरह की बात नहीं कहेंगे।कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को सीख देते हुए यह भी कहा कि आप नेता विपक्ष हैं। आप संसद में ऐसे मुद्दे क्यों नहीं उठाते। आप इंटरनेट मीडिया पर ये सब क्यों कहते हैं। हालांकि इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर मूल शिकायतकर्ता और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी। ये तीखी टिप्पणियां और आदेश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने निचली अदालत में लंबित कार्यवाही और जारी समन को रद करने की मांग खारिज कर दी थी। यह मामला दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के सेना के बारे में दिए गए बयान से जुड़ा है। सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान जब राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने निचली अदालत में दाखिल शिकायत पर अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने और समन जारी करने पर सवाल उठाए तो सुनवाई कर रही पीठ ने कई कड़े सवाल पूछे।कोर्ट ने पूछा कि उन्हें यह जानकारी कैसे मिली कि चीन ने भारत के क्षेत्राधिकार वाली 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। क्या वह वहां थे। क्या उनके पास इस संबंध में कोई विश्वसनीय सामग्री है। जब आपके पास इस संबंध में कोई सामग्री नहीं है, तो फिर आप ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं। अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बात नहीं कहेंगे।कोर्ट के इन सवालों पर सिंघवी ने कहा कि अगर नेता विपक्ष ये मुद्दे नहीं उठा सकते तो ये दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी। सिंघवी ने कहा कि जो चीजें मीडिया में छपी हैं, अगर वह ये बातें नहीं कह सकते तो वह नेता विपक्ष नहीं हो सकते। सिंघवी ने सच्चे भारतीय होने की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि यह भी संभव है कि सच्चा भारतीय ये कहे कि हमारे 20 भारतीय सैनिकों को पीटा गया है और मार डाला गया है, यह भी चिंता का विषय है।
उनकी इन दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि जब सीमा पर संघर्ष होता है, तो क्या दोनों पक्षों में हताहत होना असामान्य है।जब सीमा पर संघर्ष होता है तो क्या आप ये सब कह सकते हैं। आप संसद में सवाल क्यों नहीं पूछ सकते। सिर्फ इसलिए कि आपके पास 19(1)(ए) (अभिव्यक्ति की आजादी) है तो आप कुछ भी कह सकते हैं। सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ उचित जानकारी का मुद्दा उठा रहे थे और सूचना को दबाने पर चिंता जता रहे थे।पीठ ने कहा कि एक जिम्मेदार नेता होने और नेता विपक्ष होने के नाते उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि ऐसे सवाल उठाने के लिए एक उचित मंच मौजूद है। सिंघवी ने कहा कि लेकिन इस मामले में की गई शिकायत सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए है। ये टिप्पणियां किसी तीसरे पक्ष के लिए मानहानि का मुकदमा दाखिल करने का आधार नहीं हो सकती।सिंघवी ने निचली अदालत की कार्यवाही और हाई कोर्ट के आदेश का विरोध किया।
इसके बाद कोर्ट ने मूल शिकायतकर्ता और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। राहुल गांधी के खिलाफ निचली अदालत में शिकायत उदय शंकर श्रीवास्तव ने दाखिल की है, जिसमें सेना के बारे में राहुल गांधी के बयान को अपमानजनक बताया गया है।