
रोसड़ा, १७ दिसम्बर ।
रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। बिना पंजीकरण, बिना मानक चिकित्सकीय सुविधा के महज अप्रशिक्षित स्टाफ के सहारे ये नर्सिंग होम आम जनता के स्वास्थ्य और जीवन के साथ गंभीर खिलवाड़ कर रहे हैं।अनुमंडल मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों पर नजर डालें तो प्रतिमाह एक नया क्लीनिक या नर्सिंग होम का उद्घाटन हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि संबंधित विभाग की जांच केवल औपचारिकता बनकर रह गई है। जानकारी के अनुसार, विगत माह भी रोसड़ा नगर एवं प्रखंड क्षेत्र के 50 से अधिक क्लिनिक एवं नर्सिंग होम की जांच की गई थी। लेकिन अब तक कार्रवाई सिफर है। स्थानीय लोगों के अनुसार कई नर्सिंग होम ऐसे हैं जो न तो स्वास्थ्य विभाग में निबंधित हैं और न ही वहां योग्य चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं।झोलाछाप डाक्टरों और कंपाउंडरों के भरोसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गंभीर मरीजों को भर्ती कर मोटी रकम वसूली जाती है, लेकिन स्थिति बिगडऩे पर उन्हें आनन-फानन में रेफर कर दिया जाता है।सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर की जाने वाली जांच महज कागजी साबित होती है। न तो अवैध नर्सिंग होम पर ठोस कार्रवाई होती है और न ही इन्हें सील किया जाता है। जांच दल के आने की सूचना पहले ही संचालकों को मिल जाने के कारण अधिकांश खामियां छिपा ली जाती हैं।क्षेत्र में कई बार इलाज में लापरवाही से मरीजों की मौत की भी चर्चा सामने आती रही है, लेकिन परिजनों को समझा-बुझाकर या दबाव में मामला दबा दिया जाता है। गरीब और ग्रामीण मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद में इन नर्सिंग होम्स का रुख करते हैं और शोषण का शिकार हो जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने विभाग व प्रशासन से अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों की माने तो जब तक नियमित और निष्पक्ष जांच नहीं होगी तथा दोषियों को कठोर दंड नहीं दिया जाएगा, तब तक मानव जीवन से खिलवाड़ का यह खेल यूं ही चलता रहेगा। मानव जीवन से हो रहे खिलवाड़ को गंभीर मामला बताते हुए रोसड़ावासियों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है।



















