कोरिया। छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा है। इस दौरान राज्य के प्रत्येक जिले में विकास की गाथाएँ लिखी गई हैं। कोरिया जिला भी इससे अछूता नहीं रहा। बीते 25 वर्षों में यहां सडक़ निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2000 में जब राज्य का गठन हुआ था, तब प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना या मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ जैसी योजनाओं का नाम तक ग्रामीण अंचलों में नहीं सुना गया था। लेकिन वर्ष 2025 तक का यह 25 वर्ष का सफर, सडक़ों के निर्माण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत 97 सडक़ों का निर्माण किया गया, जिनकी कुल लंबाई 495.12 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना में 25 सडक़ों (83.20 किमी) और मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के अंतर्गत 29 सडक़ों (10.40 किमी) का निर्माण हुआ। इसके साथ ही 7 पुलों के निर्माण ने आवागमन को और सुगम बना दिया है। इन सडक़ों और पुलों ने न केवल ग्रामीण अंचलों को जोडऩे का काम किया, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाएँ भी खोली हैं। जो गांव पहले वर्षों से एक-दूसरे से कटे हुए थे, अब सहज संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देते हुए सडक़ों के जाल को मजबूती देने पर विशेष ध्यान दिया है। इससे दूरस्थ अंचलों में रहने वाले आम नागरिकों, स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ा लाभ मिला है। 25 वर्षों की इस विकास यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि मजबूत सडक़ें केवल आवागमन का माध्यम नहीं, बल्कि ग्रामीण समृद्धि और आत्मनिर्भरता की रीढ़ हैं। कोरिया जिले की धरती अब पर्यटन, व्यवसाय और आधुनिक जीवनशैली की नई राहों पर आगे बढ़ रही है।