भागलपुर[एजेंसी]। भागलपुर में विक्रमशिला सेतु पर रविवार की शाम उस समय हडक़ंप मच गया, जब चलती कार में अचानक भीषण आग लग गई। हालांकि, कार में सवार मां-बेटे ने कूदकर अपनी जान बचा ली। घटना शाम 6.10 बजे सेतु के पिलर संख्या 125 -126 के पास की है। कार खगडिय़ा के परबत्ता प्रखंड के खुर्द डुमरिया गांव निवासी मोनू कुमार चला रहे थे। उसके साथ उसकी मां भी कार में सवार थीं। अचानक कार में तेज स्पार्क हुआ और देखते ही देखते आग की ऊंची लपटें उठने लगीं। गनीमत रही कि दोनों समय रहते कार से बाहर निकल गए और उनकी जान बच गई।घटना के बाद विक्रमशिला सेतु पर ट्रैफिक पूरी तरह से तीन घंटे तक ठप हो गया। दोनों ओर सैंकड़ों वाहन खड़े हो गए। करीब 8 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा रहा। जलती हुई कार के कारण घंटों पुल पर अफरा-तफरी मची रही। आग लगने के बाद आसपास के लोग जलती कार का वीडियो बनाते नजर आए, जबकि पुलिसकर्मी लोगों को कार से दूर रहने की हिदायत दे रहे थे, क्योंकि कार से विस्फोट जैसी आवाजें भी आ रही थीं।कार में आग लगने के तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए अग्निशमन विभाग की दो छोटी गाडिय़ां मौके पर पहुंचीं और करीब 20 मिनट में आग पर काबू पाया। घटना की सूचना मिलते ही ट्रैफिक डीएसपी आशीष सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे। वे उस समय बरारी पुल घाट के पास थे। उन्होंने बताया कि सबसे पहले यह सुनिश्चित किया गया कि कोई व्यक्ति कार में फंसा न हो। उसके बाद आग पर नियंत्रण और ट्रैफिक व्यवस्था बहाल करने का कार्य शुरू हुआ।आग की गंभीरता को देखते हुए तुरंत आसपास के सभी वाहनों को खाली कराया गया। जाम की स्थिति इतनी भयावह थी कि सैंकड़ों लोग सेतु पर पैदल ही पार करते दिखे। जीरोमाइल फ्लाईओवर के नीचे जाम की वजह से अग्निशमन की बड़ी गाड़ी भी समय पर नहीं पहुंच सकी। सावन सोमवारी को लेकर वैसे भी भारी वाहनों पर रोक थी, लेकिन इस आगलगी ने शहर की रफ्तार को पूरी तरह रोक दिया। पुलिस व दमकल टीम की तत्परता से जनहानि टल गई। रात 10 बजे पुल पर यातायात सामान्य हो पाया। मोनू ने बताया कि वह अपने गांव से भागलपुर तिलकामांझी अपने आवास पर आ रहे थे। नवगछिया के तरफ से पुल जाम था। काफी समय तक गाड़ी चलने की वजह से ओवर हिट हो गई थी। इसका वार्निंग भी गाड़ी दे रहा था। लेकिन पुल पर रोकने पर जुर्माना लगता है, इसलिए मैंने सोचा कि पुल खत्म होते ही गाड़ी रोककर इसे देखूंगा। लेकिन, तब तक गाड़ी ने आग पकड़ ली। खगडिय़ा के परबत्ता प्रखंड स्थित खुर्द डुमरिया के मोनू कुमार अपनी मां के साथ गाड़ी से भागलपुर स्थित आवास लौट रहे थे। रास्ते में विक्रमशिला सेतु पर गाड़ी दो बार बंद हुई। मोनू को कुछ अजीब लगा। फिर अचानक बोनट से धुआं निकलने लगा। बिना देर किए उन्होंने मां को बाहर निकाला और जरूरी सामान समेटे। जैसे ही दोनों दूर हुए, गाड़ी धू-धू कर जलने लगी। आग की ऊंची लपटें उठने लगीं।
लेकिन मोनू की सतर्कता और फुर्ती से एक बड़ा हादसा टल गया। मां-बेटे की जान बच गई, मगर कार राख हो गई।रविवार को भागलपुर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराई रही। दोपहर में विक्रमशिला सेतु पर ओवरटेकिंग के कारण करीब डेढ़ घंटे तक लंबा जाम लगा रहा। हालांकि सुबह यातायात पुलिस की सतर्कता से परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। वहीं दूसरी ओर कांवरियों की बढ़ती भीड़ के कारण शहर के मुख्य मार्गों पर भी यातायात बाधित रहा। पटल बाबू रोड से लेकर कचहरी चौक, आदमपुर चौक, खंजरपुर, नगर निगम चौक और तिलकामांझी जैसे महत्वपूर्ण इलाकों में दोपहर 12 बजे से देर रात 10 बजे तक रुक-रुक कर जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान वाहन रेंग-रेंग कर चलते रहे और लोग घंटों इसमें फंसे रहे।रविवार को विभिन्न केंद्रों में आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा के समापन के बाद रामपुरहाट-गया पैसेंजर, दुमका-पटना,साहिबगंज-दानापुर इंटरसिटी, जनसेवा एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों में परीक्षार्थियों की भीड़ हो गई। ट्रेनों में चढऩे के लिए मारामारी की स्थिति रही। ट्रेनों में भीड़ का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बोगियों में पैर रखने की जगह नहीं थी। यात्री एक-दूसरे पर लदे हुए थे।घर पहुंचने की जल्दबाजी में जान जोखिम में डालकर ट्रेनों के पायदान पकड़ कर यात्रा करते नजर आए। भीड़ को नियंत्रित करने में रेल पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। स्टेशन पर परीक्षार्थियों की शनिवार की रात को भी भीड़ थी। बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने स्टेशन पर ही रात गुजारे।छात्रों की भीड़ टिकट काउंटर एवं पूछताछ केंद्र पर भी नजर आ रही थी। हालांकि श्रावणी मेला को लेकर कांवरिया की स्टेशन से खुलने वाली लगभग सभी ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ नजर आ रही थी। टोओपी प्रभारी ने बताया कि सेतु पर एक एक के वाहनों को निकलवाया जा रहा है जगह जगह जवा नों को तैनात की गया है जल्द ही सेतु से वाहनों का जाम खत्म हो जायेगा।