
जम्मू, २७ मई ।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए शुरू की गई पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) जम्मू ने छात्रवृत्ति योजना में करोड़ों रुपये की हेराफेरी के आरोप में बड़ी कार्रवाई करते हुए जनजातीय कार्य विभाग के पूर्व निदेशक और सात निजी संस्थानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई एक शिकायत के बाद जांच के आधार पर की गई है। एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि फर्जी दाखिले, फर्जी दस्तावेज और छात्रों के फर्जी नाम पर बैंक खाते खोले गए थे। अभी मामले की जांच जारी है और भविष्य में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
एसीबी प्रवक्ता के अनुसार, भारत सरकार की ओर से शुरू की गई इस छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य छात्रों को 18,000 ट्यूशन फीस व 2,300 मेंटेनेंस भत्ता प्रदान कर शिक्षा में सहायता देना था। जांच में सामने आया है कि वर्ष 2014 से 2018 के दौरान जम्मू जिले के कई निजी संस्थानों ने दूरदराज के क्षेत्रों के एसटी छात्रों के दस्तावेज एकत्र किए और उन्हें जनजातीय कार्य निदेशालय में प्रस्तुत किया। विभाग के अधिकारियों ने संस्थानों की मान्यता, कोर्स कंटेंट, बुनियादी ढांचे या छात्रों की उपस्थिति की जांच किए बिना करोड़ों की छात्रवृत्ति राशि सीधे संस्थानों के खातों में ट्रांसफर कर दी। जांच में सामने आया कि कुछ छात्रों ने तो इन संस्थानों में दाखिला तक नहीं लिया, कुछ ने आंशिक रूप से कोर्स अटेंड किया, जबकि कई संस्थानों ने फर्जी तरीके से छात्रों के नाम पर बैंक खाते खोले और बिना उनकी जानकारी के फार्म भरे थे। इस साजिश में विभागीय अधिकारियों व संस्थानों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अलावा साजिश के आरोप में दर्ज किया गया है।