
भोपाल। वर्ष 2016 में सातवां वेतनमान लागू करने के नौ वर्ष बाद मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को अब परिवहन, गृह भाड़ा (हाउस रेंट अलाउंस/ एचआरए) बढ़ी हुई दर से मिलेगा। राज्य सरकार ने सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्तों में वृद्धि की है। बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भले ही आठवें वेतनमान का गठन करने की घोषणा हो चुकी है लेकिन मध्य प्रदेश में अब तक कर्मचारियों को छठे वेतनमान के अनुसार ही भत्तों का भुगतान किया जा रहा था।
- अब राज्य के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को अप्रैल के वेतन के साथ जोड़कर सातवें वेतनमान के अनुरूप बढ़े हुए भत्तों का लाभ दिया जाएगा।
- नई दरों के लागू होने से अनुमानित तौर पर प्रतिमाह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में 2850, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को पांच हजार और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को साढ़े सात हजार और प्रथम श्रेणी अधिकारियों को दस हजार रुपये न्यूनतम वृद्धि होगी।
- मंगलवार को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों के भत्ता बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
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- मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कर्मचारियों के भत्ते में वृद्धि से शासन पर वार्षिक 1500 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा।
- राज्य सरकार का नवसंवत्सर में राज्य के कर्मचारियों को यह उपहार है। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य शासन के शासकीय सेवकों को वर्तमान में मिल रहे अलग-अलग भत्तों की भी पुनरीक्षण दरें लागू की गई हैं।
शासकीय सेवक की मृत्यु पर परिवार को 1.25 लाख रुपये मिलेगा अनुग्रह अनुदान
शासकीय सेवकों की मृत्यु पर परिवार को देय अनुग्रह अनुदान वर्तमान में निर्धारित पात्रता का 2.57 गुणक के आधार पर अधिकतम एक लाख 25 हजार रुपये तक दिया जाएगा। मंत्रालय भवन में संचालित वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली संचालनालय एवं राज्य सत्कार अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शासकीय सेवकों को भी मंत्रालय के समकक्ष अधिकारियों के समतुल्य मंत्रालय भत्ता दिया जाएगा।
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छठे वेतनमान से दो गुना मिलेगा एचआरए
गृह भाड़ा भत्ते में 1.5 गुना की वृद्धि की गई है लेकिन यह सातवें वेतनमान में छठे की तुलना में लगभग दो गुना मिलेगा। इसकी वजह ये है कि ए श्रेणी के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरों में सातवें वेतनमान में मूल वेतन का दस प्रतिशत एचआरए मिलेगा। बी श्रेणी यानी संभागीय मुख्यालय में सात प्रतिशत और सी व डी श्रेणी के तहसील, कस्बे या ग्रामीण क्षेत्र में पांच प्रतिशत की दर से एचआरए दिया जाएगा।






















