माले, २७ जुलाई ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मालदीव के साथ भारत अपने संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा। साथ ही भारत क्षमता निर्माण में भी हर संभव मदद करेगा। शनिवार को मोदी ने मालदीव के उप राष्ट्रपति उज हुसैन मोहम्मद लतीफ, पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद समेत कई नेताओं से मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया।इसके साथ ही मोदी ने शनिवार को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की, जोकि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का एक और संकेत है। देर शाम मोदी वतन लौट आए। मोदी मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को ही दो दिवसीय यात्रा पर माले पहुंच गए थे। प्रधानमंत्री ने मुइज्जू के साथ बैठकर इस कार्यक्रम का आनंद लिया। समारोह में सैन्य परेड के अलावा बच्चों व पारंपरिक कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इससे पूर्व समारोह के दौरान मोदी का स्वागत राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और उनके मंत्रिमंडल के शीर्ष सदस्यों ने समारोह स्थल प्रतिष्ठित गणतंत्र चौक पर किया। मोदी ने कहा कि मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना मेरे लिए सम्मान की बात है। उन्होंने मालदीव के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उधर, लतीफ के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने भारत-मालदीव संबंधों के प्रमुख स्तंभों जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा में सहयोग पर बातचीत की। मोदी ने कहा- हमारे देश अवसंरचना, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में निकटता से काम कर रहे हैं। यह हमारे लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। हम आने वाले वर्षों में इस साझेदारी को और गहरा करने की आशा करते हैं। लतीफ ने कहा- इस वर्ष भारत के साथ औपचारिक कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ है। मुझे आशा है कि भारत के साथ मजबूत सहयोग और मजबूत होता रहेगा। उप राष्ट्रपति ने भारत की ओर से निरंतर सहायता के लिए मोदी का धन्यवाद किया।
पीएम मोदी ने पीपुल्स मजलिस (मालदीव की संसद) के अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला से भी मुलाकात की। इस दौरान मोदी व अब्दुल्ला ने भारत-मालदीव की गहरी मित्रता पर चर्चा की। भारत-मालदीव संसदीय मित्रता समूह के गठन का भी स्वागत किया।मोदी ने कहा- भारत मालदीव में क्षमता निर्माण में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान अब्दुल्ला ने मोदी का मालदीव के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने मालदीव में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत की और द्वीप राष्ट्र की प्रगति में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा- भारतीय प्रवासी भारत और दुनिया के बीच सबसे मजबूत पुलों में से एक बने हुए हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के लाभार्थियों के साथ भी बातचीत की। इससे पूर्व दिन की शुरुआत में मोदी ने पूर्व मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद से भी मुलाकात की।
मोदी ने कहा- ”नशीद ने हमेशा भारत-मालदीव की मित्रता को और मजबूत करने का समर्थन किया है।”प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि मालदीव हमेशा हमारी पड़ोस पहले नीति का आधार स्तंभ रहेगा। भारत क्षमता निर्माण और विकासात्मक सहयोग के माध्यम से मालदीव की हरसंभव सहायता करता रहेगा।मोदी ने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी बातचीत की, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक संवाद और राजनीतिक संतुलन सुनिश्चित किया जा सके। कुल मिलाकर मोदी की मालदीव यात्रा को तनाव के एक दौर के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब मुइज्जू ने नवंबर 2023 में ”इंडिया आउट” अभियान चलाकर सत्ता थी।उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि मालदीव के दो दिवसीय दौरे के बाद शनिवार देर शाम पीएम स्वदेश लौट आए। उनकी मालदीव की यात्रा काफी लाभकारी और प्रोडक्टिव रही।इससे पूर्व हिंद महासागर में स्थित इस देश को लुभाने में चीन की बेहद सक्रिय कूटनीति को देखते हुए मोदी ने शुक्रवार को मालदीव को कई तरह से मदद देने की घोषणा की थी। इसमें बेहद कम ब्याज पर 4,850 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और मालदीव की वार्षिक कर्ज अदायगी को 40 प्रतिशत (5.1 करोड़ डालर से 2.9 करोड़ डालर) घटाने जैसे कदम शामिल थे।आइएएनएस के अनुसार, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के साथ संबंधों की सराहना करते हुए पीएम मोदी देश की ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे दोनों पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बड़ा बढ़ावा मिला है। उन्होंने मोदी द्वारा पिछले 11 वर्षों में भारत-मालदीव संबंधों को एक नई दिशा में लाने के प्रयासों की सराहना की।उन्होंने कहा- ”वह(मोदी) एक वंडरफुल पर्सन हैं जो पड़ोसियों के बीच संबंध बनाने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं। मालदीव और भारत के बीच एक बहुत अच्छा संबंध है जो सदियों पुराना है। उनके नेतृत्व और हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग के साथ मुझे यकीन है कि आने वाले दिनों में यह और भी समृद्ध होगा।”मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा- ”भारत उन प्रमुख देशों में से एक है जो मालदीव को पर्यटन में मदद करते हैं। निश्चित रूप से मोदी की यात्रा के साथ यह और ज्यादा बढ़ेगा। मुझे यकीन है कि दोनों देशों के बीच लोगों का आवागमन भी इस यात्रा के कारण बढ़ेगा।”मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हिंद महासागर को मालदीव और भारत के बीच दीर्घकालिक संबंधों का जीवंत प्रमाण बताते हुए कहा है कि दोनों देशों ने एक मजबूत और अटूट बंधन स्थापित किया है जो कूटनीति से परे है। शुक्रवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में आयोजित राजकीय भोज के दौरान मुइज्जू ने भारत सरकार का निरंतर समर्थन और दृढ़ मित्रता के लिए आभार व्यक्त किया। मालदीव और भारत के बीच 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए मुइज्जू ने इन्हें साझा इतिहास और स्थायी साझेदारी का प्रतिबिंब बताया।राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मुइज्जू ने कहा कि मालदीव और भारत के बीच संबंध औपचारिक कूटनीति से परे हैं तथा सदियों पुराने गहरे रिश्ते हैं। उन्होंने कहा कि मालदीव सरकार एक समावेशी और गतिशील अर्थव्यवस्था के निर्माण, युवाओं को सशक्त बनाने और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।राष्ट्रपति मुइज्जू ने स्वीकार किया कि इन महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में भारत की साझेदारी महत्वपूर्ण है। इस विशेष संबंध को और मजबूत करने के लिए मालदीव की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए मुइज्जू ने एक समृद्ध मालदीव-भारत साझेदारी की कामना की जो दोनों देशों में स्थायी शांति एवं समृद्धि लाए।