
नई दिल्ली। देश और दुनिया में सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन दिनों एक नया और खतरनाक ट्रेंड उभरकर सामने आया है, जिसे “डिजिटल अरेस्ट” कहा जा रहा है। इस धोखाधड़ी के तहत आम लोगों को इंटरनेट के जरिए डरा-धमकाकर फर्जी मामलों में फंसाया जाता है और उनसे भारी रकम ऐंठी जाती है। अब इस पूरे साइबर सिंडिकेट के खिलाफ भारत सरकार ने बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की है। भारत सरकार के निर्देशों पर कंबोडिया में डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन गेमिंग नेटवर्क के खिलाफ की गई छापेमारी में 3000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 105 से अधिक भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। कैसे हुआ ऑपरेशन? इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए भारत के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी किए गए थे। सूत्रों के मुताबिक, यह अभियान गोपनीय ढंग से और बेहद सुनियोजित तरीके से कंबोडिया सरकार के सहयोग से चलाया गया। लंबे समय से दोनों मंत्रालयों को इनपुट मिल रहे थे कि डिजिटल अरेस्ट रैकेट का संचालन कंबोडिया से बड़े पैमाने पर हो रहा है। इनपुट के आधार पर यह पता चला कि कुछ भारतीय नागरिकों को नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया ले जाया गया था। वहां उन्हें मजबूर किया गया कि वे अन्य भारतीयों को ऑनलाइन गेमिंग, वीडियो कॉल, साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट के जरिए फंसाने का काम करें।
गिरफ्तार भारतीयों की होगी भारत वापसी
सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार 105 भारतीयों को भारत लाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। भारत लाकर उनसे गहन पूछताछ की जाएगी, जिससे पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके। माना जा रहा है कि इस गोरखधंधे में शामिल कई और भारतीयों की गिरफ्तारी हो सकती है, जो अलग-अलग देशों में बैठे हैं और इसी रैकेट का संचालन कर रहे हैं। इसके अलावा, इस पूरे नेटवर्क की आर्थिक लेन-देन की जांच भी की जाएगी, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने लोगों को अब तक ठगा गया है और कितनी राशि की ठगी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला नेटवर्क
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के साइबर अपराध सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रहते। डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड का यह नेटवर्क कंबोडिया के अलावा थाईलैंड, म्यांमार, फिलीपींस, दुबई और अन्य देशों से भी जुड़ा हो सकता है। भारत सरकार इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से संपर्क बनाकर कार्रवाई की योजना बना रही है।
सरकार की चुप्पी, लेकिन मीडिया रिपोर्टों की पुष्टि
अब तक भारत सरकार, गृह मंत्रालय या विदेश मंत्रालय की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों और खुफिया सूत्रों की पुष्टि से यह स्पष्ट है कि यह बड़ी कार्रवाई एक रणनीतिक कदम है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग से साइबर क्राइम के एक बड़े रैकेट को तोड़ने की कोशिश की गई है।