
कोच्चि। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) ‘माहे’ गुरुवार को भारतीय नौसेना को सौंप दिया। यह आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी की श्रृंखला का पहला पोत है।
कमांडर अमित चंद्र चौबे ने हस्ताक्षर किए
सीएसएल के अनुसार, स्वीकृति पत्र पर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के निदेशक (संचालन) डा. एस. हरिकृष्णन और माहे के कमांडिंग ऑफिसर (नामित) कमांडर अमित चंद्र चौबे ने हस्ताक्षर किए।
सीएसएल के बयान में कहा गया है कि 78 मीटर लंबा यह पोत डीजल इंजन-वाटरजेट संयोजन से संचालित होने वाला सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक युद्धपोत है। इसमें 90 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
पनडुब्बी रोधी ताकत बढ़ाएगा
इसे पानी के भीतर निगरानी, खोज और बचाव कार्यों और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों (लिमो) के लिए डिजाइन किया गया है। यह एएसडब्ल्यू राकेट और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता के साथ तटीय पनडुब्बी रोधी ताकत बढ़ाएगा।


















