प्लेटफार्म-एक में शिवनाथ के बजाय मालगाड़ी रेलवे ने कोरबा स्टेशन को बना दिया कोल साइडिंग

यात्री हितों की अनदेखी करने के आरोप लग रहे लगातार
कोरबा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की लापरवाही एक बार फिर कोरबा स्टेशन में साफ दिखाई दी, जब प्लेटफार्म नंबर-1 पर मालगाड़ी खड़ी कर दी गई और 18240 नागपुर-इटवारी से कोरबा आने वाली शिवनाथ एक्सप्रेस को प्लेटफॉर्म नंबर-2 पर ले लिया गया। इसके कारण आम यात्रियों के साथ-साथ विशेष रूप से बुजुर्गों और महिला यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
स्थानीय यात्रियों का कहना है कि रेलवे की ओर से कोरबा स्टेशन और यात्रियों के साथ लगातार अनदेखी की जा रही है। इन सब वजहों से कोरबा स्टेशन पर अव्यवस्था आम होती जा रही है।
कोरबा से राउरकेला, बीकानेर, दिल्ली, बिहार और उत्तर भारत की ओर नई ट्रेनों के प्रस्ताव कई वर्षों से लंबित हैं।स्थानीय जनप्रतिनिधि बार-बार मांग कर चुके हैं, लेकिन दूसरे राज्यों के जनप्रतिनिधियों ने इन प्रस्तावों को आगे बढ़ाया, जबकि कोरबा जैसे औद्योगिक और बहुभाषी जिले के लिए यह जरूरत अत्यधिक है।
रेलवे अधिकारी भी यह जानते हैं कि ‘मिनी इंडिया’ कहलाने वाले कोरबा में देश के विभिन्न राज्यों के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं, जिन्हें अपने गृह राज्यों तक सीधी एक्सप्रेस ट्रेन की आवश्यकता है। रेलवे ने कोरबा से सिर्फ कुछ चुनिंदा शहरों बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम, अमृतसर, नागपुर और विशाखापट्टनम के लिए ही सीधी ट्रेन सुविधा दे रखी है। जबकि उत्तर भारत और पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों के लिए यात्रियों को मजबूरन बिलासपुर जाकर कनेक्टिंग ट्रेन पकडऩी पड़ती है। इससे समय की बर्बादी होती है और ज्यादा खर्च करना पड़ता है।
कोरबा स्टेशन बन रहा सिर्फ ‘कोयला लोडिंग पॉइंट’
स्थानीय लोगों का आरोप है कि रेलवे जानबूझकर कोरबा स्टेशन का उपयोग यात्री सुविधा के बजाय कोयला ट्रांसपोर्टिंग के लिए कर रहा है। यही कारण है कि प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर यात्री गाडिय़ों की जगह मालगाडिय़ां खड़ी की जाती हैं। जिससे स्टेशन का बड़ा हिस्सा ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के बावजूद कोल साइडिंग जैसा दिखने लगा है।

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