चांपा। भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। दुबे ने इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा है।
अब वे स्वतंत्र रूप से आम लोगों, आदिवासियों, दलितों, ओबीसी, सामान्य और अल्पसंख्यकों के लिए काम करेंगे। दुबे ने बताया कि वे 11 साल से इंटक के प्रदेशाध्यक्ष थे, लेकिन सरकार बनने के बाद मजदूरों की अनदेखी हुई। एफसीआई, नागरिक आपूर्ति निगम, नगर पालिका, बिजली विभाग, एसईसीएल, एनटीपीसी, नगरनार खदान, स्टील और पावर प्लांटों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पांच साल कुर्सी बचाने में लगाए। उस दौरान मंत्रालयों, निगमों और मंडलों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ। दुबे ने कहा कि इंटक को गुटों में बांट दिया गया। जिन पर 420 के मामले हैं, उन्हें संरक्षण मिला। वे फर्जी संगठन बनाकर मजदूरों की रोजी में कमीशनखोरी कर रहे हैं।