
नई दिल्ली। इजरायल ने सैन्य कार्रवाई के तहत शुक्रवार को ईरान पर हवाई हमले किए। ईरान ने भी पलटवार किए। इजरायल और ईरान के बीच हवाई हमलों की बौछार हुई। इस बीच इजरायल-ईरान संघर्ष के दुष्परिणाम को लेकर चिंता बढ़ गई है।
अमेरिका बोला- हमारा हाथ हमलों में नहीं
अमेरिका कई बार ईरान को चेता चुका था
ईरान के समर्थक सशस्त्र गुट हमास और हिजबुल्ला भले ही कमजोर हुए हों, लेकिन इराक में इसके समर्थक मिलिशिया अब भी सशक्त हैं। अमेरिका को इस तरह के हमलों की आशंका थी और इसलिए उसने अपने कुछ कर्मियों को वापस बुला लिया है। अमेरिका ने ईरान को अमेरिकी ठिकानों पर किसी भी हमले के परिणामों के बारे में चेताया है।
इस संघर्ष में किसी अमेरिकी नागरिक की हत्या हो जाए तो क्या होगा
अगर किसी अमेरिकी नागरिक की तेल अवीव या कहीं और ईरानी हमले में हत्या हो जाए तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर लंबे समय से आरोप लगाया जाता रहा है कि वह ईरान को हराने में अमेरिका की मदद लेना चाहते हैं।विश्लेषकों का कहना है कि केवल अमेरिका के बम ईरान के परमाणु केंद्रों को नष्ट कर सकते हैं। केवल अमेरिका के पास ही बंकर-तोड़ बम हैं।