यरूशलम, १५ जून ।
इजरायल लगातार ईरान पर हवाई हमले कर रहा है। एपी के मुताबिक, ईरानी समाचार एजेंसियों ने बताया कि शनिवार को एक इजरायली ड्रोन ने ईरान के साउथ पारस गैस क्षेत्र में एक रिफाइनरी पर हमला किया। हालांकि अभी इस हमले की पुष्टि होना अभी बाकी है। अगर इसकी पुष्टि हो जाती है, तो यह ईरान के तेल और प्राकृतिक गैस उद्योग पर पहला इजरायली हमला होगा। इजरायल ने हमले की तुरंत पुष्टि नहीं की। ऐसी साइटों के आसपास वायु रक्षा प्रणालियाँ होती हैं, जिन्हें इजरायल शुक्रवार से निशाना बना रहा है।ईरान, कतर के साथ गैस क्षेत्र साझा करता है, जो फारस की खाड़ी में फैला हुआ है। वहीं, अगर तेल रिफाइनरी के क्षेत्र पर हमला होता है तो जाहिर है तनाव और अधिक बढऩे के आसार हैं। इजरायल की सेना ने कहा है कि इजरायली वायुसेना ने ईरान की राजधानी तेहरान के आकाश में उडऩे की स्वतंत्रता प्राप्त कर ली है। ऐसा ईरानी डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त करने के बाद संभव हो पाया। इजरायल की सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डफरिन ने बताया कि ईरानी डिफेंस सिस्टम को कल रात इजरायली हमले से पहले मोसाद के ड्रोन हमलों ने बर्बाद कर दिया था।
इसी के कारण इजरायल के 200 लड़ाकू विमान ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों और सैन्य ठिकानों पर प्रभावी कार्रवाई कर पाए। इसके बाद भी इजरायली हमलों में ईरान के डिफेंस सिस्टम को लगातार निशाना बनाया गया। इसी का नतीजा रहा कि शुक्रवार-शनिवार की रात 70 इजरायली विमानों ने ईरान में घुसकर प्रभावी कार्रवाई की। इस दौरान उन्हें किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा।इजरायली सेना ने इजरायल के दो एफ-35 विमानों को मार गिराने के ईरानी दावे को गलत बताया है। कहा है कि कार्रवाई के लिए ईरान गए उसके सभी विमान लक्ष्यों को प्राप्त कर सुरक्षित वापस आए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि ईरान पर कार्रवाई की योजना वर्षों पूर्व बनाई गई और यह कई महीने चलने वाली लड़ाई को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हम एक के बाद दूसरे और फिर तीसरे खतरे को खत्म करते जा रहे हैं। ईरान में लक्ष्य पूरा करके ही इजरायली सेना की कार्रवाई रुकेगी।