
नईदिल्ली, १४ जुलाई ।
विदेश मंत्री एस जयशंकर पांच साल बाद चीन पहुंचे और सोमवार को बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन रिश्तों में सुधार की बात कही और यकीन जताया कि यह दौरा इन रिश्तों को और बेहतर बनाएगा। गलवान घाटी में 2020 के टकराव के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, मगर अब नई उम्मीदें जाग रही हैं। खासकर तब, जब हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में 26 मासूमों की जान गई और चीन का पाकिस्तान को सैन्य समर्थन भारत के लिए चिंता का सबब बना। जयशंकर ने सिंगापुर का दौरा खत्म कर बीजिंग पहुंचते ही हान झेंग से मुलाकात की। उन्होंने भारत की ओर से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में चीन की अध्यक्षता को समर्थन देने की बात कही। एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने लिखा, बीजिंग पहुंचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात कर खुशी हुई। भारत का चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए समर्थन जताया। हमारे रिश्तों में सुधार हुआ है और मुझे यकीन है कि इस दौरे की बातचीत इसे और आगे ले जाएगी। हान झेंग के साथ बैठक में जयशंकर ने कहा कि अक्टूबर 2024 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से रिश्ते बेहतर हुए हैं। उन्होंने कहा, भारत चीन की सफल एससीओ अध्यक्षता का समर्थन करता है। हमारे रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं। मुझे यकीन है कि इस दौरे की बातचीत इस सकारात्मक रास्ते को और मजबूत करेगी। जयशंकर ने भारत-चीन के बीच 75 साल के कूटनीतिक रिश्तों का जिक्र किया और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली की तारीफ की। उन्होंने कहा, यात्रा की बहाली भारत में बहुत सराही गई है। हमारे रिश्तों का सामान्य होना दोनों मुल्कों के लिए फायदेमंद हो सकता है। वह सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात करेंगे। दोनों आखिरी बार फरवरी में जोहान्सबर्ग में जी20 की बैठक के दौरान मिले थे, जहां आपसी भरोसे और समर्थन की बात हुई थी। जयशंकर मंगलवार को तियानजिन में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि वह इस दौरान कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी करेंगे। यह दौरा जयशंकर का पांच साल बाद पहला चीन दौरा है, जो गलवान टकराव के बाद रिश्तों में आई कड़वाहट को कम करने की कोशिश है।