
वाशिंगटन, 01 जुलाई ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को सूचित किया कि उसकी जांच में पाया गया है कि विश्वविद्यालय ने यहूदी और इजरायली छात्रों के साथ व्यवहार में संघीय नागरिक अधिकार कानून का उल्लंघन किया है। वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर को भेजे गए पत्र का हवाला दिया गया है कि यदि तुरन्त पर्याप्त परिवर्तन नहीं किए गए तो सभी वित्तीय संसाधन रोक दिए जाएंगे और इसका संघीय सरकार के साथ हार्वर्ड के संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसपर बात करते हुए कहा कि वह हार्वर्ड सहित देश के अन्य विश्वविद्यालयों में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उनके विचार में यह विश्वविद्यालय वामपंथी विचारों द्वारा कब्जा कर लिए गए हैं और यहूदी-विरोध के गढ़ बन गए हैं। फेडरेल टास्क फोर्स ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को एक पत्र भेजा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि इजरायल और गाजा के युद्ध के दौरान यूनिवर्सिटी छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा करने में विफल रही है। फेडरेल टास्क फोर्स के अनुसार, हार्वर्ड कुछ मामलों में जानबूझकर यहूदी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के विरोध हो रहे उत्पीडऩ में भागीदार रहा है। यहूदी और इजरायली छात्रों को तंग किया गया।
विरोध के डर से उन्हें अपनी पहचान तक छिपाने पड़ी। व्हाइट हाउस की मीडिया सचिव कैरोलिन लैविट ने भी साफ शब्दों में हार्वर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप देश का कानून तोड़ेंगे तो आपको सरकार की तरफ से फंडिंग नहीं मिलेगी। हालांकि, हार्वर्ड ने सरकार के इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
हार्वर्ड का कहना है कि विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से उचित कदम उठाए गए हैं।