.मुजफ्फरपुर, 0४ जुलाई ।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा भारत युवाओं का देश है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि अब भी देश को खंडित, बदनाम और इसमें विभेद पैदा करने की कोशिश की जा रही है। जिन्ना के जिन्न को हम स्वीकार नहीं कर सकते। हमको अशफाक उल्ला खां का बलिदान चाहिए। कैप्टन हमीद चाहिए, खुदीराम बोस, भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद चाहिए। जाति, धर्म और पंत के नाम पर हम इस देश को खंडित होते नहीं देखना चाहते हैं। देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए जब बात एक श्रेष्ठ भारत बनाने की हो तो जाति-पाति से ऊपर उठकर देश हित में सोचना होगा। ये बातें गुरुवार को लंगट सिंह महाविद्यालय के 126वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी भारत माता की संतान हैं। मंदिरों से भारत माता की जय हो विजय हो का यशोगान हो तो मस्जिदों के अजान से भी भारत माता के विजय का यशोगान हो। गिरिजाघर और गुरुग्रंथ की वाणी में भी भारत माता की जय गूंजे। जाति-पाति को मिटाना है। हमको अपने इतिहास से दूर ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि हमें हार का इतिहास पढ़ाया गया है। महाराणा प्रताप, असफाक उल्ला खां जैसी विभूतियों को कमतर बताया गया है। विकसित भारत का अर्थ है दुनिया में प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा भारत की हो। 60 फीसदी युवाओं के पास रोजगार नहीं हुआ तो भारत विकसित नहीं होगा।
मैकाले की शिक्षा नीति ने हमें निराशा के अलावा कुछ नहीं दिया था। अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विकसित भारत का सपना साकार होगा। इससे युवा हुनरमंद होकर रोजगार पाएंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा जातिवाद अगर समाप्त नहीं हुआ तो 50 वर्ष बाद मानवता नहीं बचेगी। हमारी सनातन परंपार में जाति व्यवस्था है ही नहीं। अगर बहुत अधिक बंटवारा कर सकते हैं तो सात गोत्र हैं। हमारे सात ऋषियों का।उन्होंने कहा कि हमें जाति-पाति मिटानी है। उन्होंने अपनी बात को समझाने के लिए कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित लोगों से जाति व गोत्र भी पूछे। नित्यानंद राय ने कहा एक ही गोत्र से कई जातियां निकली हैं। वहीं एक व्यक्ति ने कहा आने वाले दिनों में जाति हटाकर गोत्र लागू कर दिया जाए। प्राचीनकाल में हमारे यहां जाति-पाति की व्यवस्था नहीं थी। हमारे यहां कर्म के आधार पर पहचान देने वाली व्यवस्था थी।