दिल्ली के राहुल गुप्ता पर नारकोटिक्स एक्ट का मामला दर्ज
पूरी चैन में कौन-कौन शामिल, इसकी जांच जारी
कोरबा। यह बात सच है कि देश के बड़े हिस्से में गांजा की खपत अगर होती है तो सिर्फ उड़ीसा से। छत्तीसगढ़ के रास्ते यह काम लंबे समय से चल रहा है। कई मौके पर उड़ीसा- छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर जांच में ऐसे मामले पकड़ाते भी हैं । लेकिन कुछ मामलों में सांठगांठ के कारण तस्करों को सुविधा मिल जाती है। कोरबा जिले की कटघोरा पुलिस ने अपनी सतर्कता से बड़ी मात्रा में गांजा की तस्करी के खेल को पकड़ा है। इसकी अनुमानित कीमत 100 लाख रुपए बताई जा रही है। कटघोरा पुलिस ने इस कार्रवाई अपनी दम पर पिछली रात अंजाम दिया। सुतर्रा क्षेत्र में पुलिस की टीम में चेक प्वाइंट पर काम करते हुए एक कंटेनर वाहन को रुकवाया। उसकी जांच पड़ताल करने पर भीतर सैकड़ो बंडल मिले जिनमें गांजा रखा हुआ था। इसकी सप्लाई उड़ीसा से उत्तर प्रदेश को किए जाने की जानकारी मिली। पुलिस को अपने गुप्त सूत्रों से यह पता चला था कि बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ का परिवहन उत्तर प्रदेश के लिए किया जा रहा है और एक गाड़ी कुछ घंटे में इस इलाके से होकर गुजरने वाली है। पुलिस ने अपने स्तर पर इस सूचना की पुष्टि कराई और फिर आगे काम किया।
कटघोरा पुलिस थाना क्षेत्र में अब तक गांजा तस्करी को लेकर यह पहला बड़ा मामला पकड़ में आया है जिसमें वाहन के चालक राहुल गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। राहुल केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का रहने वाला है। वाहन के साथ में अकेला ही मिला। शुरुआती पूछताछ में उसके द्वारा पुलिस को बताया गया कि उड़ीसा से गांजा की यह मात्रा कंटेनर में लोड की गई थी और इसे उत्तर प्रदेश में खाने की योजना थी। पूरे रास्ते पर सब कुछ आसान रहा और कटघोरा थाना क्षेत्र में प्रवेश के बाद मामला बिगड़ गया। कटघोरा पुलिस में आरोपी राहुल गुप्ता के खिलाफ इस प्रकरण में 20 भी नारकोटिक्स एक्ट का अपराध दर्ज किया है और आगे की जांच कर रही है। बताया गया कि गांजा तस्करी से जुड़ी इस चैन में बहुत सारे लोग हो सकते हैं, उन सभी की जानकारी हासिल की जा रही है। ताकि पूरा खेल स्पष्ट हो सके।

अपराध नियंत्रण पर फोकस
कानून व्यवस्था को ठीक-ठाक बनाए रखना के साथ अपराध नियंत्रण को लेकर कटघोरा पुलिस लगातार काम कर रही है। कम्युनिटी पुलिसिंग की तरफ भी काम किया जा रहा है। बीट सिस्टम को मजबूत करते हुए लोकल इंटेलिजेंस को बेहतर किया गया है। कांटेक्ट और कम्युनिकेशन पर विशेष ध्यान दिए जाने से सूचना सही समय पर हमारे पास पहुंचती है और इससे नतीजा भी अच्छे आते हैं। गांजा तस्करी से जुड़े मामले में भी हमने प्रभावी तरीके से काम किया। प्रकरण में कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है ताकि पूरे चैनल को पकड़ा जा सके।

लंबी दूरी बड़ी आसानी से तय, उठे सवाल
कोरबा जिले के कटघोरा पुलिस ने गांजा तस्करी के बहुत बड़े खेल को विफल कर दिया और एक बार फिर साबित किया है कि पुलिस के हाथ वाकई बहुत लंबे होते हैं। इसके ठीक दूसरी और इस मामले में अहम सवाल यह उठ रहा है कि उड़ीसा के अड्डे से कंटेनर में गांजा लोड करने के बाद ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सैकड़ो किलोमीटर की दूरी इतनी आसानी से आखिर कैसे तय हो गई। वह भी, जब इन दोनों राज्यों के बीच अंतरराज्यीय जांच चौकी बनी हुई है । दोनों ही राज्य की पुलिस और आबकारी विभाग का सिस्टम मौके पर सभी वाहनों की जांच करता है और फिर उन्हें आगे बढऩे देता है। मतलब साफ है कि एक करोड रुपए कीमत के गांजा के साथ चल रहा कंटेनर वाहन पहले उड़ीसा की सीमा से पार हुआ और फिर उसने छत्तीसगढ़ के बैरियर को भी पार किया। यानी जांच के नाम पर दोनों ही जगह लोचा हुआ। जानकारों का कहना है कि उच्च स्तरीय सांठगांठ के बिना तस्करी नहीं हो सकती।
धर्मनारायण तिवारी , थाना प्रभारी कटघोरा