0 पीड़ित को थाने से लौटाया, SP ने दर्ज कराया FIR

कोरबा। शहर के एक तारपीन तेल के व्यवसायी के साथ उसके सेल्समैन ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर 25 लाख रुपये का गबन किया। सेल्समैन ने भरोसे का बेजा फायदा उठाते हुए बाजार में बेचे गए तारपीन का पैसा खुद उठाकर न सर्फ हड़प लिया बल्कि चोरी-छिपे बड़ी मात्रा में तारपीन की बिक्री भी कर दिया। एसपी के संज्ञान लेने उपरांत पीड़ित मालिक की रिपोर्ट पर एफआईआर सम्भव हो सकी और पीड़ित को FIR दर्ज कराने के लिए न्यायालय में परिवाद पेश करने की जहमत नहीं उठानी पड़ी।
जानकारी के मुताबिक दुरपा रोड निवासी सुभाष गुप्ता जो कि फर्म टेक इंडस्ट्रीज का मालिक है, लेकिन उक्त फर्म का संचालन उसका बड़ा भाई सुनील गुप्ता कर रहा है, जो कि कुसमुंडा थाना के अंतर्गत SECL के 6 नंबर बेरियर जो कि बरमपुर में है, के पास अपने निजी जमीन पर विगत कई साल से फर्म का संचालन कर रहा है। उक्त फॉर्म में तारपीन (पेंट आयल) का कारोबार किया जाता है, सुनील गुप्ता ने मार्केटिंग कार्य के लिए अपने पूर्व परिचित धीरज अग्रवाल को सेल्समैन के रूप में रखा हुआ था। धीरज अग्रवाल कुछ माह तक तो ईमानदारीपूर्वक कार्य करता रहा लेकिन तत्पश्चात जब फर्म का टर्नओवर बढ़ने लगा और तारपीन तेल का सेल्स मार्केट में बढ़ गया तब धीरज अग्रवाल ने टेक इंडस्ट्रीज के द्वारा सप्लाई किए गए तारपीन (पेंट आयल) की राशि जो विभिन्न जिलों की दुकानों से प्राप्त हुई, उसमें से कुछ राशि तो संचालक को दिया औऱ बाकी की राशि स्वयं और उसी फर्म में काम करने वाले भोला साहू के साथ मिलकर गबन कर लिया। कुछ दिनों के बाद जब संचालक को अपने गोदाम में स्टॉक कम होने की जानकारी हुई, तो संचालक सुनील गुप्ता ने अपने स्तर पर पतासाजी किया। उसे कुछ दुकानदारों ने बताया कि तारपीन पेंट आयल टेक इंडस्ट्रीज से लिया गया है, और उक्त तारपीन (पेंट आयल) की राशि धीरज अग्रवाल को दे दिया गया है। धीरज अग्रवाल ने कई दुकानों से तारपीन (पेंट आयल) की राशि अपने परिवार के सदस्यों के खातों में भी डलवाया है, तब सुनील गुप्ता के पैरों तले जमीन खिसक गई। जब टेक इंडस्ट्रीज के दस्तावेज खंगाले तब पता चला कि लगभग 25 लाख रुपए धीरज अग्रवाल एवं उसके सहयोगी भोला साहू के द्वारा धोखाधड़ी करते हुए गबन कर दिया गया है।
आरोप है कि कई बार बिना बताए रात के अंधेरे में तारपीन (पेंट आयल) टेक इंडस्ट्रीज के गोदाम से चोरी करके भी धीरज अग्रवाल के द्वारा बेचकर उसकी राशि प्राप्त कर ली गई है। जब धीरज अग्रवाल को पता चला कि उसके धोखाधड़ी का राज खुल गया है, तब उसने फर्म में काम करना बंद कर दिया और सुनील कुमार गुप्ता के ऊपर दबाव बनाने की नीयत से कई थाना /पुलिस चौकी एवं न्यायालय में फर्जी शिकायत/मुकदमे भी दर्ज करवा दिया। संचालक सुनील गुप्ता जब अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत लेकर थाना-चौकी पहुंचा तो उसकी शिकायत नहीं सुनी गई। कार्यस्थल क्षेत्र के थाना कुसमुंडा और निवास क्षेत्र के थाना सिटी कोतवाली गया तो उसकी फरियाद पर हाथ खड़े कर दिए गए। तत्पश्चात सुनील गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर एसपी के नाम आवेदन दिया। इस आवेदन पर जांच हुई। संचालक सुनील गुप्ता ने थक-हार कर स्वयं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के पास मिलकर पुनः सारी बात बताया तो एसपी ने मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल संबंधित थाने को FIR दर्ज करने निर्देशित किया, तब जाकर थाना कुसमुंडा के द्वारा FIR दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया।