
ऊर्जाधानी भूविस्थापित संगठन ने भी दिया समर्थन
कोरबा-कुसमुण्डा। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के भू-विस्थापित प्रभावित परिवारों ने सी. जी.एम. ऑफिस के सामने मेन गेट पर बिना अन्न-पानी ग्रहण किए धरना शुरू किया और दीपावली पर यहीं दीये जलाकर माता लक्ष्मी की जगह सीजीएम सचिन ताना जी पाटिल के छायाचित्र की पूजा-अर्चना की। इसके बाद अपनी मांग प्रार्थना के रूप में रखते हुए न्याय नहीं मिलने पर गुस्सा जाहिर करने के साथ ही तस्वीर पर चप्पल की बरसात कर दी। इनकी यह दीवाली अनूठी और चर्चा का विषय रही। प्रदर्शन आज भी जारी है। इस आंदोलन को ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप व पदाधिकारियों ने भी अपना समर्थन प्रदान किया और धरना में शामिल हुए।
अपनी भूमि के बदले रोजगार और मुआवजे की मांग को लेकर 20 व 21 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन की घोषणा भू-विस्थापितों ने की है। लगातार आरोप है कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले 22 वर्षों से उनकी अधिग्रहित भूमि के बदले मिलने वाले रोजगार के लिए बार-बार गुमराह किया जा रहा है और झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं। जानकारी मांगने पर भी उन्हें कोई सूचना नहीं दी जाती है, जिससे वे मानसिक और आर्थिक रूप से त्रस्त हो चुके हैं। यह भी आरोप लगाया है कि एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा जमीन-जायदाद को गुमराह करके छीन लिया गया है, जिससे वे भूखे रहने पर मजबूर हैं और उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है।
प्रार्थिया श्रीमती बसंती बाई बिंझवार सहित कुल 12 भू-विस्थापितों ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी (कटघोरा), थाना प्रभारी (कुसमुंडा), समस्त मीडिया, तहसीलदार (दर्री) और स्थानीय विधायक को ज्ञापन सौंपकर अपनी स्थिति से अवगत कराया है । भू-विस्थापितों ने एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक से विनम्र निवेदन किया है कि उनकी आर्थिक समस्याओं को देखते हुए उन्हें न्याय दिलाया जाए। उन्होंने यह स्पष्ट चेतावनी भी दी है कि अगर हड़ताल के दौरान धरना प्रदर्शन में उनके जीवन के साथ कोई घटना घटित होती है, तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी एसईसीएल, कुसमुंडा क्षेत्र मुख्य महाप्रबंधक ताना जी पाटील की होगी।
प्रदर्शन में बसंती बाई बिंझवार, गोमती केंवट, सरिता बाई बिंझवार,मोना बाई कंवर,इंद्रा बाई गोंसाई, काजल सारथी, कुमारी अदिति, कुमारी मानसी, सहरतीन बाई मंझवार,सूरज बाई,रामकुंवर बिंझवार, टिकेत राम बिंझवार शामिल हैं।